रास में उठी मध्याह्न भोजन योजना की समीक्षा की मांग

asiakhabar.com | November 28, 2019 | 5:32 pm IST
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नई दिल्ली। राज्यसभा में बृहस्पतिवार को कांग्रेस की एक सदस्य ने मध्याह्न
भोजन योजना की समीक्षा कर यह पता लगाए जाने की मांग की कि क्या योजना के तहत स्कूली बच्चों
को समुचित पोषण मिल पा रहा है।शून्यकाल में कांग्रेस की विप्लव ठाकुर ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा
कि हाल ही में इस योजना को लेकर आई खबरें व्यथित करने वाली हैं। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले
आई एक खबर में इस योजना के तहत बच्चों को नमक के साथ रोटी दिए जाने का दावा किया गया
था।विप्लव ने कहा ‘‘पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कार्यकाल में यह योजना शुरू की गई थी। इसका लक्ष्य
बच्चों को समुचित पोषण प्रदान करना एवं स्कूल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ देने की प्रवृत्ति पर रोक
लगाना था।’’उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में आई खबर से सवाल उठते हैं कि क्या योजना के तहत
बच्चों को समुचित पोषण मिल पा रहा है?’’कांग्रेस सदस्य ने इस योजना की समीक्षा करने तथा राज्यों

से रिपोर्ट तलब कर यह पता लगाने की मांग की कि क्या योजना के तहत बच्चों को समुचित पोषण
दिया जा रहा है?उन्होंने यह भी जानना चाहा कि क्या स्कूलों में शिक्षकों को भोजन पकाने के लिए
नियुक्त किया जा रहा है। विप्लव ने कहा ‘‘सरकार यह सुनिश्चित करे कि शिक्षकों को अध्यापन कार्य से
अलग नहीं किया जाना चाहिए और मध्याहन भोजन योजना के लिए अलग से कर्मचारी नियुक्त किए
जाएं।’’विभिन्न दलों के सदस्यों ने विप्लव के इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया।शून्यकाल में ही
भाजपा के जीवीएल नरसिंह राव ने आंध्रप्रदेश में छठवीं कक्षा तक अंग्रेजी भाषा को अनिवार्य शिक्षा के
तौर पर शामिल किए जाने का विरोध करते हुए, इस फैसले की समीक्षा किए जाने की मांग उठाई।राव ने
कहा कि तेलुगु प्राचीन भाषाओं में से एक है और दक्षिण के कई राज्यों में बोली जाती है, इसके बावजूद
इसकी उपेक्षा जारी है। उन्होंने सरकारी स्कूलों में प्रादेशिक भाषा में पढ़ाई सुनिश्चित किए जाने की मांग
करते हुए कहा ‘‘पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम और इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति
क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई करके ही आगे बढ़े हैं।’’इस मुद्दे पर तेदेपा के कनकमेदला रवीन्द्र कुमार ने कहा
कि आंध्रप्रदेश का गठन ही भाषा के आधार पर हुआ था और संविधान में भी प्रादेशिक भाषा का जिक्र
है।उन्होंने कहा कि तेलुगु की उपेक्षा पीड़ादायी है और स्थानीय भाषा की उपेक्षा का असर विकास पर भी
पड़ सकता है।कुमार ने कहा कि सरकार को आंध्रप्रदेश में छठवीं कक्षा तक अंग्रेजी भाषा को अनिवार्य
शिक्षा के तौर पर शामिल किए जाने संबंधी फैसले की समीक्षा की जानी चाहिए।उच्च सदन में ही
शून्यकाल के दौरान बीजू जनता दल की सरोजिनी हेम्ब्रम ने ओडिशा के मयूरभंज में स्थित सिमलीपाल
जंगल के टाइगर रिजर्व में रोपवे बनाए जाने की मांग की।सरोजिनी ने कहा कि सिमलीपाल के जंगल में
बने टाइगर रिजर्व में ‘‘ऑल वेदर रोड’’ बनाना संभव नहीं है लेकिन टाइगर रिजर्व में रोपवे बनाया जा
सकता है।उन्होंने कहा ‘‘ऐसा करने से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि रोजगार के अवसर भी
लोगों को मिलेंगे।’’


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