नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने रूस की एक कंपनी में निवेश का झांसा देकर लोगों से करोड़ों की ठगी में दो हाई प्रोफाइल शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। वे करीब 1200 लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। आरोपियों ने फर्जी मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनी बना रखी थी। निवेश कर चुके लोगों के माध्यम से अन्य लोगों को जोड़ते थे। लोगों को विश्वास में लेने के लिए सेमिनार के बहाने विदेश भी ले जाते थे।
आरोपियों की पहचान दिल्ली के पालम निवासी आशीष मलिक और हरियाणा के झज्जर निवासी संदीप कौशिक के रूप में हुई है। आशीष ने एमबीए कर रखा है। पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों को दबोचने की कोशिश कर रही है।
क्राइम ब्रांच के संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार ने बताया कि दिल्ली के ही शकरपुर निवासी विनोद कुमार व हरियाणा के करनाल निवासी रविंद्र पाल सैनी ने साइबर सेल में ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। विनोद सात लाख 50 हजार रुपए और रविंद्र 27 बिटकॉइन आरोपियों की फर्जी कंपनी को दे चुके थे। पीड़ितों ने बताया कि ठगों ने रशियन कंपनी में निवेश का झांसा दिया था। नकद, चेक और बिटकॉइन में भुगतान करने पर कुछ ही समय में तीन से चार गुना तक लाभ का आश्वासन दिया गया था।
आशीष मलिक, संदीप कौशिक व सुनील सिंह चौहान खुद को रोजनेफ्ट हेज फंड नाम की मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनी (कंपनी में निवेश कर चुके लोग ही अन्य सदस्य बनाते हैं) का मालिक बताते थे। बाद में कंपनी का नाम बदलकर आरएएचएफ काइन और आरएएचएफ गोल्ड कर दिया था। आरोपियों ने देश भर से करीब 1200 लोगों को शिकार बनाया। पुलिस उपायुक्त भीष्म सिंह की टीम ने मामले की जांच शुरू की। चार महीने की मेहनत के बाद पुलिस ने द्वारका सेक्टर 18 से आशीष मलिक और संदीप कौशिक को दबोच लिया।
रूस, थाईलैंड और दुबई में कर चुके हैं सेमिनार –
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने फर्जी नाम से कंपनी बना रखी थी। राजस्थान के एजेंट नवीन सहगल और संजीव शर्मा के माध्यम से वे लोगों को जाल में फंसाते थे। आरोपी लोगों को 3.5 बिटकॉइन अथवा इसके अनुपात में रुपये रशियन कंपनी में निवेश करने पर भारी मुनाफे का झांसा देते थे। लोगों को विश्वास में लेने के लिए दिल्ली, इंदौर और रूस, थाइलैंड व दुबई में सेमिनार कर चुके हैं।
जीते थे शाही जीवन –
आशीष मलिक ने एमडी यूनिवर्सिटी से एमबीए और संदीप ने इसी यूनिवर्सिटी से बीए तक की पढ़ाई की है। 2010 में दोनों ने गुरुग्राम में एक जीवन बीमा कंपनी में काम शुरू किया था। 2016 में फर्जी मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनी बनाई। आरोपी शाही जीवन जीते थे और ऑडी कार से चलते थे। दोनों कई बार विदेश भी जा चुके हैं। मध्य प्रदेश पुलिस ठगी के मामले में आशीष मलिक व सुनील सिंह को पहले भी गिरफ्तार कर चुकी है। आरोपियों की कंपनी पर देश भर में ठगी के कई मामले दर्ज हैं।