सुरेंद्र कुमार चोपड़ा
नई दिल्ली। बहुप्रतिक्षित दक्षिण पश्चिम मानसून आखिरकार मंगलवार सुबह दिल्ली पहुंच
गया जिससे लोगों को भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिली। मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि मानसून
अपने सामान्य समय से 16 दिन की देरी से दिल्ली पहुंचा है। बीते 19 वर्षों में मानसून के आगमन में यह सबसे
अधिक विलंब है। 2002 में मानसून 19 जुलाई को दिल्ली पहुंचा था।
आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक के. जेनामणि ने मंगलवार सुबह दक्षिण दिल्ली के कुछ हिस्सों में बारिश होने के बाद
पुष्टि करते हुए कहा ‘‘मानसून दिल्ली पहुंच गया है।’’ आईएमडी ने बताया, ‘‘दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र
(बहादुरगढ़, गुरुग्राम, फरीदाबाद, लोनी देहात, नोएडा, खेकड़ा), गोहाना, सोनीपत, रोहतक (हरियाणा) में और इससे
सटे आस पास के अधिकतर स्थानों पर अगले दो घंटे के दौरान गरज के साथ मध्यम तीव्रता की बारिश होगी और
20-40 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।’’
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने ट्वीट किया, ‘‘आखिरकार मानसून दिल्ली पहुंच गया। पिछले
दो-तीन दिनों से मानसून की परिस्थितियां बनने के बावजूद भारत मौसम विज्ञान विभाग मानसून आगमन की
घोषणा के लिए इंतजार कर रहा था। बीते दो दिन में दिल्ली छोड़कर इसके आस पास हर जगह बारिश हुई।’’
आम तौर पर मानसून 27 जून को दिल्ली पहुंच जाता है। आठ जुलाई तक मानसून पूरे देश में छा जाता है। पिछले
साल दिल्ली में मानसून 25 जून को पहुंचा था और देश भर में 29 जून को छा गया था। मौसम की जानकारी देने
वाली निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर के महेश पालावत ने बताया कि दिल्ली में मानसून अभी कमजोर रहेगा और
अगले तीन दिनों में शहर में हल्की-फुल्की बारिश होगी।
उन्होंने कहा कि हिमालय की तलहटी में बनने वाला मानसून का दबाव क्षेत्र गुजरात और बंगाल की खाड़ी में कम
दबाव प्रणाली बनने से अब देश के मध्य भाग की ओर बढ़ गया है। उन्होंने बताया, ‘‘दो-तीन दिनों में कम दबाव
प्रणाली के खत्म होने के बाद मानसून का दबाव क्षेत्र फिर उत्तर की ओर बढ़ जाएगा जिससे क्षेत्र में बारिश बढ़ेगी।’’
इस साल दिल्ली में मानसून के आगमन को लेकर मौसम विभाग को पूर्वानुमान में मुश्किल आई। कई पूर्वानुमानों
के बाद आईएमडी ने सोमवार को माना, ‘‘मानसून के अनुमान में गणितीय मॉडल की इस तरह की नाकामी दुर्लभ
और असामान्य है।’’ आईएमडी ने इससे पहले कहा था कि मानसून तय तिथि से 12 दिन पहले, 15 जून को
दिल्ली पहुंचेगा लेकिन हवाओं की स्थिति से इसका आगमन प्रभावित हुआ।
जून के शुरु में मौसम विभाग ने कहा था कि सात जुलाई तक दिल्ली और उत्तर पश्चिम भारत के अन्य हिस्सों में
मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो जाएंगी। बाद में इसने कहा कि दिल्ली में मानसून की
पहली बारिश 10 जुलाई के आसपास होगी।
मौसम विभाग ने शनिवार को एक बार फिर पूर्वानुमान में संशोधन करते हुए कहा कि अगले 24 घंटों में मानसून
राजधानी में पहुंच सकता है। लेकिन रविवार भी बारिश के इंतजार में बीत गया और सोमवार को भी बारिश न के
बराबर हुई।
आईएमडी के क्षेत्रीय केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में मानसून 2012 में सात
जुलाई और 2006 में नौ जुलाई को पहुंचा था। उन्होंने बताया, ‘‘2002 में दिल्ली में 19 जुलाई को मानसून की
पहली बारिश हुई थी। शहर में 1987 में सबसे अधिक देरी से 26 जुलाई को बारिश हुई थी।’’
मध्य दिल्ली अब देश में बारिश की सबसे अधिक कमी वाला जिला है, जहां अमूमन एक जून से मानसून का
मौसम शुरू हो जाता है। लेकिन वर्तमान में यहां सामान्य 132 मिमी के मुकाबले केवल 8.5 मिमी बारिश हुई है जो
94 प्रतिशत कम है।
दिल्ली में अब तक सामान्य से 67 प्रतिशत कम बारिश हुई है, जिससे यह ‘‘बारिश की बहुत अधिक कमी’’ वाले
राज्यों की श्रेणी में आ गया है। आईएमडी ने कहा कि वह देश के बाकी हिस्सों में मानसून की प्रगति पर लगातार
नजर रख रहा है।