सुमित चौधरी
सोनीपत। डीडीपीओ कार्यालय सोनीपत पर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की
चल रही हड़ताल 10वें दिन भी राजेश की अध्यक्षता में जारी रही। उन्होने कहा कि मांग पूरी होने तक
हडताल जारी रहेगी। संबोधित करते हुए सीटू के राज्य सचिव आनंद शर्मा एवं सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा
के उप प्रधान शिलक राम मलिक ने कहा कि ग्रामीण सफाई कर्मचारी अकेले नहीं हैं बातचीत के माध्यम
से इनकी मागों का समाधान तुरन्त किया, वरना गम्भीर परिणाम भुगतने पड़ेगें।
सीटू राज्य सचिव आनंद शर्मा ने कहा कि आज पूरे देश में आंगनवाड़ी वर्करों एवं हेल्परो ने हड़ताल करते
हुए अपना एक मांग पत्र तहसीलदार महोदय के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम भेजा है जिसमें वर्कर्स को
कुशल व अर्ध कुशल श्रमिक की श्रेणी में व हेल्पर को पद नाम बदलकर अकुशल श्रमिक की श्रेणी में
शामिल किया जाए। ईएसआई व पीएफ सहित महंगाई भत्ता दिया जाए व फरवरी 2018 से लागू किया
जाए, सितंबर 2018 में प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणा अनुसार वर्कर्स के 1500 हेल्पर के ₹750
बढ़ोतरी तुरंत लागू की जाए और अक्टूबर 2018 से एरियर का भी भुगतान तुरंत किया जाए, हड़ताल के
दौरान कटे मानदेय का तुरंत भुगतान किया जाए, हेल्पर से वर्कर, वर्कर से सुपरवाइजर की पदोन्नति
केवल सीनियरिटी के आधार पर हो व तमाम तरह की शर्तें हटाए जाएं वर्कर्स व हैल्पर्स को भी सर्दियों व
गर्मियों का असल में अवकाश प्रदान किया जाए, गर्मी व सर्दियों में आंगनवाड़ी केंद्रों के समय को भी
कम किया जाए, वर्कर्स व हेल्पर्स को पेंशन सहित रिटायरमेंट लाभ दिया जाए, आंगनवाड़ी केंद्रों का
किराया बड़े शहरों, छोटे शहर व गांव में 5000, 3000 ,750 रुपये के अनुरूप तुरंत भुगतान किया जाए,
बच्चों का आंगनवाड़ी में पहुंचना सुनिश्चित हो, प्री स्कूल एजुकेशन के लिए 3 से 5 साल के बच्चों के
लिए आंगनवाड़ी केंद्र पर आना सुनिश्चित हो, मृत्यु होने की स्थिति में वर्कर्स व हैल्पर्स के परिवारजनों
को 3 लाख एक्स ग्रेशिया दिया जाए, मदर ग्रुप्स वर्कर्स को 6 दिन काम मिले व मेहनताना कम से कम
3 रुपये बच्चा जरूर किया जाए, बंद क्रैच केंद्रों को तुरंत खोला जाए व क्रैच वर्कर्स को आंगनवाड़ी कर्मियों
की तर्ज पर मानदेय /वेतन दिया जाए, 45वें श्रम सम्मेलन के अनुसार कर्मचारी का दर्जा दिया जाए,
न्यूनतम वेतन वर्कर का 24 हजार रू व हैल्पर को 18 हजार रू हो व पैंशन सहित तमाम सामाजिक
सुरक्षा प्रदान की जाएं, योजना के लिए पर्याप्त बजट आवंटित किया जाए व किसी भी रुप में निजीकरण
पर रोक लगाई जाए।
अखिल भारतीय किसान सभा हरियाणा के राज्य उपाध्यक्ष एडवोकेट सदानंद सोलंकी एवं मजदूर नेता
आनंद शर्मा ने बताया कि एक ज्ञापन तहसीलदार महोदय को सीटू एवं अखिल भारतीय किसान सभा
की तरफ से प्रधानमंत्री के नाम सौंपां गया। जिसमें मांग की गई कि श्रम कानूनों में किए गए मजदूर
विरोधी बदलाव को तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाए, श्रम कानूनों की सख्ती से पालना सुनिश्चित हो
न्यूनतम वेतन 18000 रुपये घोषित किया जाए। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करते हुए फसलों
पर लागत का डेढ़ गुना देने व फसलों की खरीद की गारंटी सुनिश्चित की जाए, किसानों, मजदूरों के कर्जे
माफ हो, केंद्र द्वारा 6000 की सालाना मदद सभी किसानों, ठेके पर खेती करने वाले व बटाईदार
किसानों को भी मिले, फसल खराबी मुआवजा तुरंत प्रभाव से जारी किया जाए, पशुओं के व्यापार पर
प्रतिबंध हटाया जाए, राज्य में लगाई सीमाएं हटाई जाए व पशु मेले आयोजित किए जाएं, मनरेगा में
पर्याप्त बजट आवंटित हो, काम मिले व किए गए काम का भुगतान सुनिश्चित किया जाए तथा दिहाडी
प्रतिदिन 600 रुपये की जाए, सभी जरूरतमंद परिवारों को बीपीएल की श्रेणी में शामिल किया जाए व
खाद्य सुरक्षा आवास का प्रबंध किया जाए।