नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आज संसद में 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने व उनको पहचान दिलाने के लिए अब सरकारी उपक्रमों द्वारा 25 प्रतिशत संसाधन लघु एवं मध्यम उद्यमों से जुटाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसमें से कम से कम 03 प्रतिशत सामग्री महिलाओं के स्वामित्व वाले लघु एवं मध्यम उद्यमों से प्राप्त की जाएगी। इस कदम से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने में मदद मिलेगी। मंत्री ने कहा कि सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि एक ऐसी योजना को मंजूरी दी गई है, जिसमें 59 मिनट में अधिकतम एक करोड़ रुपये तक का ऋण मंजूर किया जाएगा और जीएसटी पंजीकृत लघु एवं मध्यम उद्यम इकाईयों को एक करोड़ रुपये की ऋण वृद्धि पर ब्याज में 02 प्रतिशत की छूट मिलेगी। गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि 17,500 करोड़ रुपये से अधिक लेन-देन किए गए हैं और इसके परिणाम स्वरूप औसतन 25-28 प्रतिशत बचत हुई है। वित्त मंत्री ने कहा कि दो वर्ष पूर्व इनकी सरकार द्वारा सृजित जीईएम से सार्वजनिक खरीद प्रणाली में सुधार हुआ है, क्योंकि यह पूरी तरह पारदर्शी, समावेशी और प्रभावकारी है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के पास अब जीईएम के माध्यम से अपने उत्पादों को बेचने का अवसर उपलब्ध है। अंतरिम बजट प्रस्तुत करते समय उन्होंने घोषणा की कि अब सभी केन्द्रीय सार्वजनिक उद्यमों तक जीईएम प्लेटफॉर्म का विस्तार किया जा रहा है। गोयल ने कहा कि हाल में सरकार ने “खुदरा व्यापार और व्यापारियों तथा उनके कर्मचारियों के कल्याण सहित आंतरिक व्यापार को बढ़ावा” के विषय को औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग को सौंप दिया है, जिसका नाम बदलकर अब उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग किया जाएगा।