शिशिर गुप्ता
नई दिल्ली। निजामुद्दीन मरकज मामले में बुधवार को साकेत कोर्ट ने 42 विदेशी लोगों को
तबलीगी जमात में शामिल होने के मामले में जमानत दे दी है। जिनकी जमानत मिली है वे फिलीपींस, फिजी,आस्ट्रेलिया समेत कई देशों के नागरिक हैं। इन आरोपितों को वीजा शर्तों समेत अन्य नियमों के उल्लंघन के आरोप
में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने इनकी जमानत याचिका का विरोध किया था। निजामुद्दीन मरकज में भाग
लेने वाले 122 मलेशियाई नागरिकों को वीजा शर्तों व नियमों का उल्लंघन करने के मामले में मंगलवार को
जमानत मिल गई थी। चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गुरु मोहिना कौर ने 122 मलेशिया की नागरिकों को दस हजार
के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। इससे पहले नागरिकों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा कोर्ट में पेशी हुई जिसमें
उन्हें मलेशियाई दूतावास के अधिकारियों और जांच अधिकारियों ने पहचाना। इससे पहले मलेशिया की नागरिकों ने
मामले में बारगेनिंग अपील की थी। जिसके अनुसार, वह अपने अपराध को स्वीकार कर कम से कम सजा की मांग
करते हैं। बता दें कि देश में कोरोना को लेकर बड़ा संकट पैदा करने वाले तब्लीगी जमात के मरकज में 850
विदेशी जमाती शामिल हुए थे। सभी जमातियों के पासपोर्ट जब्त कर लिए गए थे। जबकि उनका वीजा रद कर
दिया गया था। तब्लीगी मरकज के प्रमुख मौलाना साद ने 13 से 15 मार्च के बीच मरकज में कार्यक्रम का
आयोजन किया था। इसमें कई देश के नागरिकों को भी बुलाया गया था। जिस समय मरकज में आयोजन हुआ था
उस दौरान कोरोना का संक्रमण देश में तेजी से फैलना शुरू हो गया था। आरोप है कि विदेश से आने वाले लोगों से
साद चंदे के तौर पर मोटी रकम लेता था। साद के खिलाफ दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और ईडी ने केस दर्ज
करके मामले की जांच कर रही है।