गुरुग्राम: देश के प्रमुख मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाले और जागरूकता बढ़ाने वाले संगठन ‘मनस्थली” ने 10 अक्टूबर, 2023 को ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ से पहले गुरुग्राम में ‘मनोत्सव 2023- कर्टेन रेज़र’ कार्यक्रम आयोजित किया। इस उत्सव की थीम ‘सेंसिबल यूज़ ऑफ सेंसेस’ थी। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले सभी प्रतिभागियों के लिए साउंड हीलिंग पर एक एक्सपेरिमेंटल वर्कशॉप का आयोजन किया गया था, जिसमें अलग-अलग साउंड फ्रीक्वेंसी और वाइब्रेशन (कंपनों) से जुड़े गहन अनुभवों को शामिल किया गया था। ये कम्पन्न आमतौर पर सिंगिंग बाउल्स, घंटियों, झंकार जैसे उपकरणों या मानव की आवाजों द्वारा निकलते हैं।
आपको बता दें कि ‘मनोत्सव 2023’ एक ऐसा मानसिक स्वास्थ्य से सम्बंधित उत्सव है जिसका आयोजन मनस्थली द्वारा हर साल किया जाता है। इस कार्यक्रम को आयोजित करने का उद्देश्य समाज में मानसिक बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने, मदद प्रदान करने के और समझ बढ़ाना है। इस पहल की शुरुआत इसलिए की गयी ताकि मानसिक बीमारियों के बारे में चर्चा न केवल मेडिकल कांफ्रेंस में बल्कि सामान्य जनता के बीच में भी हो। इस साल का ‘कर्टेन रेज़र’ इवेंट मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महीने तक चलने वाली कई पहलों और गतिविधियों के लिए मंच तैयार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इंस्टीटयूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ, रोहतक के सीईओ-डायरेक्टर डॉ राजीव गुप्ता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। जबकि डॉ. तबस्सुम जमाल, अध्यक्ष, जहीर साइंस फाउंडेशन; डॉ. दीपक भाटिया, अध्यक्ष, आईएमए, गुरुग्राम; आईएमए के सचिव डॉ. उमेश गुप्ता और एनयू के अध्यक्ष डॉ. राजेश कटारिया कार्यक्रम के सम्मानित अतिथि थे।
मानसिक स्वास्थ्य पर एक पैनल चर्चा आयोजित की गई और इसमें डॉ. शांभवी (म्यूजिक थेरेपी की एक्सपर्ट), डॉ. संज हॉल (साउंड थेरेपी- एक्सपर्ट), डॉ. ऋचा धमीजा (ईएफटी और हिप्नोथेरेपी) मेजर विवेक सिंह (डाइट और न्यूट्रीशन एक्सपर्ट), डॉ. ज्योति कपूर (मनस्थली की फाउंडर और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ), सुश्री ऐश्वर्या राज (क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट) और सुश्री प्रियंका सचदेवा (एक्सपर्ट- अरोमा थेरेपी) ने सहित प्रतिष्ठित पैनलिस्टों ने अपने विचार साझा किए।
मनस्थली के अनुभवी मानसिक रोग विशेषज्ञ और संस्थापक डॉ ज्योति कपूर ने कहा, “हम इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए अपने सम्मानित अतिथियों के आभारी हैं। निरंतर सेन्सरी स्टिमुलेशन से भरी दुनिया में यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि हमारी इंद्रियाँ हमारे मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती हैं। ‘‘सेंसिबल यूज़ ऑफ सेंसेस’ का यह विषय हमें सेंसरी अनुभवों के महत्व, हमारी भावनात्मक भलाई में उनकी भूमिका और स्वस्थ दिमाग बनाए रखने के लिए हम उनका समझदारी से उपयोग कैसे कर सकते हैं, इस पर विचार करने के लिए आमंत्रित करता है।”
डॉ ज्योति कपूर ने आगे बताया कि मानसिक बीमारियों के इलाज के लिए सहयोग पूर्ण दृष्टिकोण की जरुरत होती है। उन्होंने कहा, “यही कारण है कि हम संगीत, भोजन, मनोरंजन, सकारात्मकता और उल्लास के साथ जीवन के सभी क्षेत्रों के उत्साही लोगों के साथ प्रकृति की खूबसूरती का आनंद लेते हुए मानसिक कल्याण का जश्न मना रहे हैं। इस उत्सव में लोग हमारे वेलनेस एसोसिएट से मिल सकते हैं और बातचीत कर सकते हैं। इस उत्सव में विशेष रूप से संगीत, कला, नृत्य और उपचारात्मक भोजन तैयार किया गया है, इनका उपयोग करके सकारात्मकता को अपने अंदर आने दें।”