नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोरोना वायरस के 67,208 नए मामले आने से संक्रमण के
कुल मामलों की संख्या 2,97,00,313 पर पहुंच गयी जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 8,26,740
रह गयी है जो महामारी का इलाज करा रहे मरीजों की 71 दिनों बाद सबसे कम संख्या है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बृहस्पतिवार को सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, 2,330 और लोगों के
कोविड-19 से जान गंवाने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 3,81,903 पर पहुंच गयी।
उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 8,26,740 रह गयी है जो संक्रमण के कुल मामलों का 2.78 प्रतिशत है
जबकि कोविड-19 से उबरने वाले लोगों की राष्ट्रीय दर 95.93 फीसदी है। पिछले 24 घंटों में संक्रमण के मामलों में
38,692 की कमी आई है।
बुधवार को कोविड-19 के लिए 19,31,249 नमूनों की जांच की गई जिसके साथ ही देश में अब तक कुल
38,52,38,220 नमूनों की जांच हो चुकी है। देश भर में टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 की कुल
26,55,19,251 खुराक लोगों को लगायी जा चुकी हैं।
मंत्रालय ने बताया कि संक्रमण की दैनिक दर 3.48 प्रतिशत दर्ज की गई। यह लगातार 10 दिनों में पांच प्रतिशत
से कम बनी हुई है। साप्ताहिक संक्रमण दर कम होकर 3.99 प्रतिशत रह गयी है। स्वस्थ होने वाले लोगों की
संख्या लगातार 35वें दिन संक्रमण के दैनिक मामलों से अधिक है। अब तक कुल 2,84,91,670 लोग संक्रमण
मुक्त हो चुके हैं जबकि मृत्यु दर बढ़कर 1.29 प्रतिशत हो गयी है।
देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर
को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60
लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख के पार हो गए। देश में 19
दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार और चार मई को दो करोड़ के पार चले गए थे।
जिन 2,330 और लोगों ने जान गंवाई है उनमें से 1,236 लोगों की मौत महाराष्ट्र में, 270 की तमिलनाडु, 148
की कर्नाटक और 147 लोगों की मौत केरल में हुई।
देश में इस महामारी से अब तक 3,81,903 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 1,15,390 लोगों की मौत
महाराष्ट्र में, 33,296 की कर्नाटक, 30,338 की तमिलनाडु, 24,876 की दिल्ली, 21,963 की उत्तर प्रदेश, 17,118
की पश्चिम बंगाल, 15,698 की पंजाब और 13,354 लोगों की मौत छत्तीसगढ़ में हुई।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को
अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान
अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।