नई दिल्ली। देश के वामदलों का कहना है कि सरकार को चीन की तर्ज पर देश
में भारतीय मूल्यों एवं सांस्कृतिक आधार पर एक ऐसी समाजवादी आर्थिक नीति विकसित करनी चाहिए
जिसका बाजारवादी अर्थव्यवस्था के साथ सामंजस्य हो और श्रमिकों का वर्चस्व हो।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी.
राजा और अॉल इंडिया फारवर्ड ब्लॉक के जी. देवराजन ने मंगलवार शाम यहां चीन की कम्युनिस्ट पार्टी
की 19वीं केन्द्रीय समिति की चौथे वार्षिक सम्मेलन के निष्कर्षों को साझा करने के लिए आयोजित एक
कार्यक्रम में यह राय व्यक्त की। इस मौके पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की बीजिंग महानगरीय
समिति की स्थायी समिति के सदस्य वांग निंग ने निष्कर्षाें को साझा किया और भारत में चीन के
राजदूत सुन वीडोंग ने विचार व्यक्त किये।
श्री येचुरी ने कहा कि भारत एवं चीन के संबंध केवल एशिया ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण
हैं। इन संबंधों को मजबूत करने की जरूरत है। श्री वांग निंग द्वारा साझा किये गये कुछ निष्कर्ष बहुत
अहम हैं। जनता द्वारा देश के विकास को आगे ले जाने, जनता की अधिक भागीदारी, सभी जातीय
समूहों का संतोषजनक विकास, सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख भूमिका और श्रमिकों के वर्चस्व ऐसे ही निष्कर्ष
हैं। भारत एक विविधता पूर्ण देश है जिसे यह सीखना चाहिए कि वह कैसे भारत के सभ्यतागत मूल्यों के
आधार पर ऐसी आर्थिक नीतियों को विकसित करे।
श्री राजा ने कहा कि चीन अपनी अर्थव्यवस्था को समाजवादी अार्थिक नीति से आगे बढ़ा रहा है जो
चीन के मूल्यों पर आधारित है। भारत एवं चीन के बीच पुराने सभ्यतागत संबंध हैं और बुद्ध दोनों के
बीच इसी संबंधों की एक मजबूत कड़ी हैं। दोनों देश आज शंघाई सहयोग संगठन, ब्रिक्स आदि अनेक
मंचों पर विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं। एक ऐसी अर्थव्यवस्था, जो लोगों के दिल एवं दिमाग को
जीत ले, को विकसित करने के लिए भारत एवं चीन मिलकर काम कर सकते हैं जो मानवता की भलाई
में होगा।
श्री देवराजन ने कहा कि समाजवादी नीतियां और बाजार आधारित अर्थव्यवस्था बना कर चीन ने दुनिया
को रास्ता दिखाया है। हमें सोचना होगा कि विकास आखिर किसके लिए किया जाता है। यह विकास
सभी के लिए साझा समृद्धि लाये, देश में ऐसे प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन और चीन की
नीतियों को लेकर बहुत सी मिथ्या धारणाएं एवं गलत सूचनाएं प्रसारित की गयीं हैं। उन्होंने कहा कि
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का 13 सूत्री एजेंडा भारतीय राजनीतिक दलों के लिए भी उपयोगी है। उन्होंने चीनी
कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय राजनीतिक दलों के बीच वैचारिक आदान प्रदान को बढ़ाने की भी
आवश्यकता है।
इससे पहले श्री वांग निंग ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 19वीं केन्द्रीय समिति की चौथे वार्षिक सम्मेलन
के निष्कर्षों की जानकारी दी। उन्होंने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के 13 सूत्री एजेंडा के बारे में भी बताया और
देश की आर्थिक, सामाजिक प्रगति के आधारभूत सिद्धांतों की जानकारी दी और कहा कि यह भेदभाव
रहित समान विकास के अवसर की गारंटी देती है।