नई दिल्ली। भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 12 विधान परिषद सीटों के लिए होने वाले
द्विवार्षिक चुनाव के मद्देनजर शुक्रवार को प्रशासनिक सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने वाले गुजरात काडर
के पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है। उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के
रहने वाले शर्मा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है। वह बृहस्पतिवार को ही भाजपा में शामिल
हुए थे। भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने आज शर्मा के नाम को हरी झंडी दी। भाजपा महासचिव अरुण सिंह
की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक पार्टी ने उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव
सिंह और वरिष्ठ नेता लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है। राज्य की 12 विधान
परिषद सीटों के लिए 28 जनवरी को मतदान होना है और नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख 18
जनवरी है। जिन 12 सीटों पर चुनाव होने हैं उसके मौजूदा सदस् यों का कार्यकाल 30 जनवरी को पूरा हो रहा
है। सेवानिवृत्त होने जा रहे विधान परिषद सदस्यों में स्वतंत्र देव सिंह, दिनेश शर्मा और लक्ष्मण आचार्य के
अलावा विधान परिषद के सभापति रमेश यादव (समाजवादी पार्टी) प्रमुख हैं। अरविंद कुमार शर्मा वर्ष 2001 से
2020 के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगी अधिकारी के तौर पर काम कर चुके हैं। वह गुजरात
के मुख्यमंत्री कार्यालय तथा उसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में भी कार्यरत रहे हैं। उन्होंने समय से दो साल
पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है। सूत्रों के मुताबिक विधान परिषद के रूप में उनके चुनाव के बाद शर्मा
को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। 100-सदस्यीय उत्तर प्रदेश
विधान परिषद में सपा के 55, भाजपा के 25, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के आठ, कांग्रेस और ‘‘निर्दलीय
समूह’’ के दो-दो और अपना दल (सोनेलाल) और ‘‘शिक्षक दल’’ के एक-एक सदस्य हैं। इनके अलावा विधान
परिषद में तीन निर्दलीय सदस्य भी हैं। गौरतलब है कि उत् तर प्रदेश की 403 सदस् यों वाली विधानसभा में
वर्तमान में 402 सदस् य हैं जिनमें भाजपा के 310, सपा के 49, बसपा के 18, अपना दल (सोनेलाल) के
नौ, कांग्रेस के सात, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार, निर्दलीय तीन, राष् ट्रीय लोकदल का एक, निर्बल
इंडियन शोषित हमारा अपना दल (निषाद) का एक सदस् य हैं। भाजपा के साथ अपना दल (सोनेलाल) का
गठबंधन है।