चंडीगढ़। स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने गुरुवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी -जननायक जनता पार्टी सरकार का किसानों की रबी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने और खरीदी फसल का 72 घंटे में भुगतान का दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है।
श्री विद्रोही ने कहा कि पूरे राज्य में विगत एक सप्ताह से सरसों फसल की एमएसपी पर सरकारी खरीद बंद है। नेफेड ने सरसों खरीद का कथित कोटा पूरा खरीदने का दावा करके सरकारी खरीद बंद कर दी।
उन्होंने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार नेफेड द्वारा सरसों खरीदने का दावा तो कर रहे है, पर विगत एक सप्ताह से राज्य में कहीं भी सरसों खरीद नहीं रहे। किसान अपनी सरसों 4500 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास बेचने को मजबूर है। मंडियां गेहूं और सरसों से अटी पड़ी हैं। किसान का गेहूं वर्षा से भीग रहा है और सरकार जुमलेबाली करके लोगों को ठग रही है।
श्री विद्रोही ने कहा कि विगत एक माह में रेवाड़ी, बावल और कोसली मंडियों में किसानों का 24033 टन गेहूं और 32090 टन सरसों खरीदी गई है। रेवाड़ी में केवल 21 प्रतिशत किसानों को पैसों का भुगतान हो पाया है और 79 प्रतिशत किसान पैसा बैंक खातों में आने का इंतजार कर रहे है। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार किसान की सरसों 5450 रुपये प्रति क्विंटल खरीदे।