बघेल समर्थक विधायकों ने दिल्ली में डेरा डाला, कांग्रेस आलाकमान के समक्ष शक्ति प्रदर्शन की कोशिश

asiakhabar.com | August 27, 2021 | 5:12 pm IST
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नई दिल्ली। कांग्रेस की छत्तीसगढ़ इकाई में चल रही रस्साकशी के बीच मुख्यमंत्री भूपेश
बघेल के समर्थक कई विधायक दिल्ली में जमा हो गये हैं जिसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। सूत्रों का
कहना है कि दिल्ली में बघेल के समर्थक करीब 30 विधायक मौजूद हैं और राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा के
मद्देनजर वे मुख्यमंत्री का समर्थन करने पहुंचे हैं। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि बघेल शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष
सोनिया गांधी या पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। वह कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी
वेणुगोपाल से भी मुलाकात करेंगे। करीब 20 विधायकों ने कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया से मुलाकात
की। माना जा रहा है कि इन विधायकों ने नेतृत्व परिवर्तन नहीं करने और बघेल को ही मुख्यमंत्री बनाये रखने की
पैरवी की है। मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच चल चल रही तनातनी की स्थिति को देखते
हुए विधायकों का दिल्ली पहुंचने को लेकर यह चर्चा गर्म है कि मुख्यमंत्री का कांग्रेस आलाकमान के समक्ष शक्ति
प्रदर्शन करने के प्रयास है, हालांकि बघेल के करीबियों ने इससे इनकार किया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री का
सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरा विश्वास है तथा शक्ति प्रदर्शन जैसी की कोई बात नहीं है। बघेल
के समर्थक विधायक देवेंद्र यादव ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व में हम छत्तीसगढ की जनता की सेवा कर रहे
हैं। हम आलाकमान से बात करेंगे। सभी विधायक एकजुट हैं।’’ पिछले दिनों बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह
देव ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं से
मुलाकात के बाद बुधवार को रायपुर लौटने पर बघेल ने कहा था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के आदेश से
वह इस पद पर आसीन हुए हैं और उनके कहने पर तत्काल इस पद को त्याग देंगे। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा
था कि मुख्यमंत्री पद के ढाई-ढाई वर्ष के बंटवारे का राग अलाप रहे लोग प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता लाने की
कोशिश कर रहे हैं, जिसमें वह कभी सफल नहीं होंगे। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की
सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे। सिंहदेव के

समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनी थी और ऐसे में अब सिंहदेव को
मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। पिछले दिनों बघेल गुट और सिंहदेव गुट के बीच मतभेद उस वक्त और बढ़ गये
जब कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर आरोप लगाया था कि वह उनकी हत्या
करवाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। बृहस्पति सिंह को मुख्यमंत्री बघेल का करीबी माना जाता है।


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