कोलकाता। पश्चिम बंगाल में शनिवार को पहले चरण का मतदान जारी है। राज्य के पांच
जिलों के 30 विधानसभा क्षेत्रों में सुबह सात बजे से वोटिंग शुरू हुई है और हिंसा का दौर भी जारी है। राज्यभर में
मारपीट, आगजनी मतदाताओं को धमकाने छपा वोटिंग तोड़फोड़ मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए लालच देने
के लगातार वीडियो सामने आ रहे हैं। अधिकतर मामलों में सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के लोगों पर आरोप लग
रहे हैं। इधर, तृणमूल ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर ही सवाल खड़ा किया है। पार्टी के राज्यसभा सांसद और
राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा है कि केंद्रीय बलों के जवान मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में मतदान
करने के लिए डरा धमका रहे हैं। इसके अलावा आयोग भी निष्पक्ष नहीं है। उन्होंने ट्विटर पर एक आंकड़ा जारी
किया है जिसमें लिखा है कि कांथी दक्षिण विधानसभा और कांथी उत्तर विधानसभा इलाके में सुबह 9:15 बजे के
करीब चुनाव आयोग ने बताया था कि क्रमशः 18.47 और 18.95 फ़ीसदी वोटिंग हुई थी। ठीक चार मिनट बाद
चुनाव आयोग ने अपने आंकड़े बदल दिए और बताया कि इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में क्रमशः 10.60 और 9.40
फ़ीसदी वोटिंग हुई है। इस तरह की अनियमितता चुनाव की आयोग निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है। इधर,
भारतीय जनता पार्टी ने तृणमूल कांग्रेस के इस दावे को लेकर सवाल खड़ा किया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप
घोष ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस को यह बात भली-भांति पता चल गई है कि इस बार चुनाव में उनकी हार होनी
है। इसलिए पहले से बहाना ढूंढ रहे हैं और इस तरह की बातें कर रहे हैं। मतदाता समझदार हैं और जानते हैं कि
कहां क्या करना है।