गाजियाबाद, 05 अप्रैल (वेबवार्ता)। उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खानों के खिलाफ चल रही कार्रवाई के बीच मीट का कारोबार करना आने वाले वक्त में काफी मुश्किल होने जा रहा है। शासन के नियमों का पालन कराने के लिए प्रशासन की तरफ से जारी ताजा गाइडलाइंस ने मीट कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल अब मीट को इंसुलेटेड फ्रीजर वैन में ढोना, मीट कारोबार से जुड़े सभी वर्करों का अनिवार्य हेल्थ सर्टिफिकेट, मीट की दुकानों की धार्मिक स्थलों और सब्जी की दुकानों पर पर्याप्त दूरी, ऐसे कई मानक हैं, जिनकी जानकारी हाल ही में यूपी सरकार ने मीट दुकानदारों को भेजी है। सरकारी गाइडलाइंस के मुताबिक, इन दुकानों को बहुत सारा कागजी काम भी निपटाना होगा। कारोबार से जुड़े लोगों का मानना है कि मीट बेचने के लिए जरूरी ढांचागत सुविधाओं की लिस्ट इतनी लंबी-चौड़ी है कि अधिकतर दुकानों के लिए इसका पालन मुमकिन नहीं और वे स्थाई तौर पर बंद हो जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि यूपी में मीट बेचने से जुड़े नियम-कायदों में कोई नया बदलाव नहीं किया गया है। नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जारी आदेशों का सख्ती से पालन हो रहा है। अभी तक यह कारोबार बिना नियम-कायदों के चल रहा था। मीट कारोबारी वसीम खान के मुताबिक कड़े नियमों की वजह से करीब 60 फीसदी दुकानें बंद हो जाएंगी। नए नियम बेहद सख्त हैं और इसकी वजह से बहुत सारे लोग यह पेश छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे। अधिकारी बहुत सारे एनओसी लेने कह रहे हैं। नए लाइसेंस पाने के लिए चक्कर भी अधिक लगाने पड़ रही है।