शिवा गोयल
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने बुधवार
को कहा कि वह विश्वविद्यालय प्रशासन के नोटिस के बावजूद अपना कार्यालय खाली नहीं करेगा। छात्र
कल्याण अधिष्ठाता (डीओएस) प्रोफेसर उमेश कदम ने मंगलवार को छात्रसंघ को एक नोटिस भेजकर इसे
खाली करने को कहा था। लिंगदोह समिति की रिपोर्ट के अनुपालन न करने की वजह से पिछले साल
जेएनयूएसयू अधिसूचित नहीं हुआ था और यह मामला अदालत में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि नव
निर्वाचित संघ को अधिसूचित किया जाना अभी बाकी है। नोटिस के मुताबिक, “संपत्ति के गलत इस्तेमाल
को रोकने के लिये विश्वविद्यालय के सक्षम प्राधिकार द्वारा यह तय किया गया है कि उक्त कमरे को
तत्काल बंद किया जाए और अधिसूचना जारी होने के बाद उसे जेएनयूएसयू को सौंपा जा सकता है।”
छात्रसंघ को शाम पांच बजे तक कार्यालय खाली करने का निर्देश दिया गया था लेकिन उन्होंने उसे खाली
नहीं किया है। संघ के नव निर्वाचित उपाध्यक्ष साकेत मून ने कहा, ‘‘शाम करीब पांच बजे गार्ड आए थे
लेकिन हम वहां बड़ी संख्या में थे और वे कुछ नहीं कर सके। हम यह दफ्तर नहीं छोड़ेंगे।’’ छात्र संघ ने
कहा, “जूएनयूएसयू 8500 छात्रों का है और प्रशासन के पास हमारी जगह को बंद करने का कोई
अधिकारी नहीं है।” उन्होंने कहा, ‘‘टेफ्लास स्थित कार्यालय डीओएस की निजी संपत्ति नहीं है और यह
सामुदाय का प्रतिनिधित्व करने के अधिकार का हमारा प्रतीक है। हम छात्र समुदाय से साथ आने और
जेएनयू प्रशासन के हमारी जगह बंद करने के फरमान के खिलाफ आवाज उठाने का अनुरोध करते हैं।’’
कदम की तरफ से हालांकि इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।