सुमित चौधरी
नई दिल्ली। बीते एक हफ्ते में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. इसे लेकर
आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला कि यह बाहर से आया प्रदूषण
है या दिल्ली का अपना. इसे लेकर आई एक रिपोर्ट के हवाले से जब अरविंद केजरीवाल से सवाल किया
गया, तो उन्होंने इन रिपोर्ट्स को न सिर्फ खारिज किया, बल्कि आंकड़े जारी करने वाली एजेंसी पर भी
सवाल उठा दिया.
प्रदूषण का स्तर मापने वाली केंद्रीय एजेंसी सफर ने जो आंकड़े सार्वजनिक किए हैं. उसमें दिल्ली के
वर्तमान प्रदूषण के लिए दिल्ली के अंदरूनी कारकों को ही जिम्मेदार बताया गया है. सफर ने अपने
आंकड़े में बताया है कि दिल्ली के वर्तमान प्रदूषण में पराली का हिस्सा सिर्फ 10 प्रतिशत है, बाकी 90
फीसदी प्रदूषण दिल्ली के अपने कारणों से है. इसे लेकर जब सवाल पूछा गया तो अरविंद केजरीवाल ने
रिपोर्ट पर ही सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने कहा कि इसका आधार क्या है. किसी भी एजेंसी के पास
रियल टाइम सोर्स अपोरसेनमेंट ऑफ पॉल्यूशन की मशीन नहीं है, जो हवा का सैम्पल लेकर बता सके
कि उसमें प्रदूषण की जो मात्रा है, वह किन किन कारणों से है.
उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ही इस मशीन को इम्पोर्ट करने की कोशिश कर रही है. केजरीवाल ने
प्रदूषण स्तर मापने वाली केंद्रीय एजेंसी सफर को सीधे निशाने पर लिया. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि
दिल्ली में फरवरी-मार्च के बाद से एक हफ्ते पहले तक हवा की क्वालिटी गुड या मॉडरेट थी, लेकिन सात
दिनों में ऐसा क्या हो गया कि इसके लिए दिल्ली जिम्मेदार हो गई. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि
दिल्ली में बीते 7 दिनों में कोई एक्स्ट्रा ट्रैफिक नहीं आया, कोई एक्स्ट्रा डस्ट के सोर्सेज क्रिएट नहीं हुए,
लोग उतने ही हैं, जितने अगस्त में थे. उसके बाद से कोई इंडस्ट्री नहीं खुली, तो फिर वर्तमान समय में
प्रदूषण के लिए दिल्ली ही कैसे जिम्मेदार हो गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार और दिल्ली के
लोग पूरी कोशिश कर रहे हैं कि हम अपना प्रदूषण कम करें. लेकिन बाहर के प्रदूषण का जब तक
समाधान नहीं निकलेगा, दिल्ली भुगतती रहेगी. उन्होंने कहा कि हमें दिल्ली के लोगों की चिंता है,
इसलिए यह सब कदम उठा रहे हैं.