नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने मंगलवार को पार्टी से
इस्तीफा दे दिया।
अश्विनी कुमार ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा है कि पूरे मामले पर गंभीरता से विचार करने
के बाद उन्होंने फैसला किया है कि वर्तमान परिस्थितियों में अपनी गरिमा के अनुरूप वह पार्टी के बाहर बड़े राष्ट्रीय
हित में बेहतर सेवा दे सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि 46 वर्षों के एक लंबे जुड़ाव के बाद वह अब सार्वजनिक हित में सक्रिय रूप से बेहतर कार्य
कर पाएंगे।
कांग्रेस पार्टी के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है। खासकर ऐसे समय में जब पंजाब में चुनाव होने जा रहे
हैं। अश्विनी कुमार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी रहे हैं तथा जी-23 नेताओं के कार्यशैली को लेकर उठाए
गए सवाल पर उन्होंने पार्टी का बचाव किया था।
अश्वनी कुमार (69) बेहद कम उम्र में देश के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बने थे। वह राज्यसभा के लिए पंजाब
से सांसद रहे और केंद्र की यूपीए सरकार में कई पदों पर भी रहे। वह अक्टूबर 2012 से मई 2013 के बीच केंद्रीय
विधि एवं न्याय मंत्री रहे।
सूत्रों का कहना है कि अश्विनी कुमार पंजाब चुनाव से उन्हें दूर रखे जाने को लेकर नाराज थे। अब अश्वनी कुमार
उन नेताओं की सूची में शामिल हो गए हैं जिन्होंने पार्टी की कार्यशैली को लेकर पिछले कुछ समय में अलग रास्ता
चुना है। इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह, सुष्मिता देव, प्रियंका चतुर्वेदी, ललितेश पति
त्रिपाठी, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुइज़िन्हो फलेरो और पंजाब के मुख्यमंत्री रहे अमरिंदर सिंह शामिल है।