नई दिल्ली। स्थायी समिति की बैठक में नेता सदन निर्मल जैन ने आवाज उठाते हुए
कहा कि पिछले सवा दो साल से किसी भी पाषर्द को अपने इलाके में फंड लगाने के लिए पैसा नहीं मिल
पाया है। इसके चलते छोटे-छोटे काम भी पाषर्द नहीं करा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 50-50 लाख रुपए
पाषर्दों को फंड देने के लिए जो प्रस्ताव पास हुआ है, वह जल्द ही पाषर्दों को दिया जाए, ताकि विकास
कार्य शुरू हो सकें। इसके साथ-साथ ठेकेदारों और सफाई कर्मचारियों का जो एरियर रुका हुआ है, उसे
टुकड़ों में ही दिया जाए, ताकि ठेकेदारों व सफाई कर्मचारियों को कुछ तो राहत मिल सके।
सदन नेता निर्मल जैन ने कहा कि पाषर्दों को मिलने वाले फंड का फायदा तभी होगा जब ठेकेदारों की
पेमेंट निगम करे, क्योंकि ठेकेदार पाषर्दों को मिलने वाले फंड का टेंडर ही नहीं उठाएंगे तो पाषर्दों के
विकास कार्य कैसे होंगे। इसके साथ-साथ उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों का पिछले पांच सालों से
एरियर रुका हुआ है। पिछले कई सालों से एरियर की मांग को लेकर वे धरना-प्रदर्शन भी करते रहे हैं
इसलिए सबसे पहले ठेकेदारों की पेमेंट और एरियर का भुगतान चाहे संयोजित तरीका अपनाकर उन्हें
दिया जाए, ताकि उनका रुका हुआ पैसा उन्हें चाहे टुकड़ों में मिल सके। इस पर स्थायी समिति अध्यक्ष
ने भी कहा कि ठेकेदारों का भुगतान होना चाहिए। गौरतलब है कि ठेकेदार पेमेंट न किए जाने के चलते
ठेकेदार यूनियन ने 19 जून से कामबंद हड़ताल पर हैं। अगर ठेकेदारों को पेमेंट का भुगतान होना शुरू हो
जाएगा तो पाषर्दों के जो विकास कार्य क्षेत्रों में होने हैं, वे तभी हो पाएंगे जब ठेकेदारों की पेमेंट निगम
करनी शुरू कर देगा।