नई दिल्ली। एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की
दिशा में आगे बढ़ते हुए पर्यावरण मंत्रालय ने प्लास्टिक पैकेजिंग के लिए विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (ईपीआर)
पर व्यापक दिशा निर्देश अधिसूचित किए हैं।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने नए प्लास्टिक कचरा प्रबंधन (संशोधित), नियम 2022 को बृहस्पतिवार देर
रात सोशल मीडिया के जरिए अधिसूचित किया। उन्होंने कहा कि दिशा निर्देश प्लास्टिक पैकेजिंग कचरे की सर्कुलर
अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का ढांचा प्रदान करता है और प्लास्टिक के विकल्पों को बढ़ावा देगा।
यादव ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक को खत्म करने के आह्वान
को आगे बढ़ाते हुए पर्यावरण मंत्रालय ने प्लास्टिक पैकेजिंग के लिए विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व पर व्यापक
दिशा निर्देश अधिसूचित किए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दिशा निर्देशों से न केवल प्लास्टिक पैकेजिंग कचरे की सर्कुलर अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का
ढांचा मिलेगा बल्कि प्लास्टिक के नए विकल्पों को विकसित करने को बढ़ावा भी मिलेगा। इनसे सतत प्लास्टिक
पैकेजिंग की ओर कारोबारों को बढ़ाने की रूपरेखा मिलेगी।’’
अधिसूचना के अनुसार, नए दिशा निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।
नए नियमों में प्लास्टिक को चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है- पहली श्रेणी में ठोस प्लास्टिक पैकेजिंग
शामिल होगी, दूसरी श्रेणी में एक परत या कई परतों की लचीली प्लास्टिक पैकेजिंग शामिल होगी, प्लास्टिक शीट्स
और प्लास्टिक शीट से बने कवर, थैलियां, प्लास्टिक के पाउच शामिल होंगे।
नए नियमों के तहत उत्पादकों, आयातकों और ब्रांड मालिकों को ऑनलाइन पोर्टल पर सालाना रिटर्न दाखिल करते
हुए अगले वित्त वर्ष 30 जून तक प्लास्टिक का पुन: इस्तेमाल करने वाले पंजीकृत लोगों से पुनर्चक्रण के प्रमाणपत्रों
की जानकारियां देनी होगी।
सरकार ने ईपीआर के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मंत्रालय को उपायों की सिफारिशें करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण
नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष के नेतृत्व में एक समिति गठित करने की घोषणा की है।