बल्लभगढ़। शिमला के ठियोग में कार हादसे का शिकार हुए कौराली गांव निवासी दीपक के परिजनों को इस अनहोनी की सूचना कई घंटे बाद मिली थी। दीपक अपने साथियों साथ शिमला घूमने गया था, पर परिजनों को इसकी जानकारी तक नहीं थी। परिजनों को दुर्घटना के बारे में इसलिए भी नहीं बताया गया कि शव के आने तक परेशान हो जाएंगे। हालांकि परिजनों को किसी अनहोनी की आशंका तब हो गई, जब उनके बड़े भाई बल्लभगढ़ आए और बिना बताए शिमला चले गए।
गांव कौराली के रहने वाले रविंद्र बताते हैं कि उनके सात बच्चे हैं। जिनमें पांच पुत्र और दो पुत्री हैं। इनमें 21 वर्षीय दीपक बल्लभगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित रॉयल मोटर्स कंपनी में नौकरी करने लगा था। वह अपने साथी पलवल निवासी जगप्रीत, आगरा के रहने वाले अजय, पलवल के गांव लुलवाड़ी के लोकेश, कृष्णा कॉलोनी के राहुल और रोहताश के साथ क्रिसमस मनाने के लिए सोमवार को शिमला चला गया था। वहां पर इनकी कार खाई में गिरने से दीपक की मौत हो गई है। बड़ा बेटा बिट्टू सुबह बल्लभगढ़ गया था और वह वहीं से शिमला चला गया। अब ये पता चला है कि वे शिमला दीपक के शव को लेने के लिए गए हैं। जैसे ही परिजनों को घटना की जानकारी हुई तो वह विलाप करने लगे। उधर, हादसे में गंभीर रूप से घायल राहुल के भाई सोनू ने बताया कि वह तीन भाई हैं। राहुल उन्हें बताकर गया था कि वह दोस्तों संग शिमला जा रहा है। राहुल को लेने के लिए सोनू का सबसे बड़ा भाई निशांत शिमला के लिए रवाना हो गया था।