गाजियाबाद। पथ विक्रेताओं का पंजीकरण निशुल्क होगा। बृहस्पतिवार को नगर आयुक्त सीपी सिंह की अध्यक्ष में आयोजित टाउन वेंडिंग कमेटी की बैठक में इस पर निर्णय हुआ। प्रदेश के दूसरे शहरों में इसके लिए 200 रुपये तक शुल्क लिया जाता है। यहां पथ विक्रेताओं को राहत देने के लिए शुल्क न लेने का निर्णय किया गया है।
दिए जाएंगे पहचान पत्र: पथ विक्रेताओं का पंजीकरण करने के बाद नगर निगम उनके पहचान पत्र बनाएगा। घूम कर सामान बेचने वाले पथ विक्रेताओं को इससे परेशानी नहीं होगी। अब तक नगर निगम और पुलिस की तरफ से उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पहचान पत्र होने पर सबको ये पता रहेगा कि इनका पंजीकरण निगम में है।
बैठक में चर्चा हुई कि वेंडिंग जोन पांचों जोन में बनाए जाएंगे। इनके लिए स्थान चयन करने और उन्हें तैयार करने में वक्त लगेगा। जब तक पथ विक्रेता जैसे दुकान लगा रहे हैं, लगाते रहेंगे। घूम कर बेचने पर ज्यादा जोर रहा। यह भी बताया गया कि वेंडिंग जोन बनने के बाद जो पथ विक्रेता जिस जोन का होगा, उसे वहीं के वेंडिंग जोन में स्थान दिया जाएगा। अब तक 23,238 पथ विक्रेता डूडा ने चिह्नित किए हैं। इस बैठक में एसपी सिटी श्लोक कुमार, अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार, शिवपूजन यादव समेत अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
चौधरी मोड़ पर फूलों की स्टॉल लगने का मुद्दा वेंडिंग कमेटी की बैठक में उठा। स्टॉल के लिए नगर निगम और डूडा ने अनुमति नहीं दी है। पथ विक्रेताओं के प्रतिनिधियों ने बैठक में पक्ष रखा कि जिस तरह इनकी स्टॉल लगवाई गई है, वैसे ही उन्हें नवयुग मार्केट में दुकानें लगाने की इजाजत दी जाए। दोहरा व्यवहार न अपनाया जाए। पथ विक्रेताओं ने बताया कि वह इस मामले को डीएम के सामने रखेंगे।
टाउन वेंडिंग कमेटी की बैठक में पथ विक्रेताओं से कहा गया कि वह अपनी दुकानों से ग्राहकों को पॉलीथिन में सामान न दें। कपड़े या कागज के बैग में ही सामान बेचें। नगर आयुक्त सीपी सिंह ने सख्ती से कहा कि किसी साप्ताहिक बाजार में एक भी दुकान पर पॉलीथिन का उपयोग होता पाया गया तो अगली बार से वहां बाजार नहीं लगने दिया जाएगा।