नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने देश की राजधानी में प्रदूषण की समस्या को
देखते हुये लागू की गयी सम-विषम योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को दिल्ली सरकार
को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने इसके साथ ही
दिल्ली सरकार और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दिल्ली में प्रदूषण से संबंधित, अक्टूबर से 14
नवंबर की अवधि के आंकड़े पेश करने का निर्देश दिया। पीठ ने यह निर्देश भी दिया कि एक अक्टूबर से
31 दिसंबर, 2018 की अवधि के भी प्रदूषण संबंधी आंकड़े उसके समक्ष पेश किये जायें। न्यायालय ने
नोएडा निवासी एक अधिवक्ता की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। इस अधिवक्ता ने
सम-विषम योजना के बारे में दिल्ली सरकार की एक नवंबर की अधिसूचना को चुनौती देते हुये दावा
किया कि इससे मौलिक अधिकारों का हनन होता है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस योजना
से नागरिकों के अपना कारोबार और व्यापार करने तथा निर्बाध रूप से देश के किसी भी हिस्से में आने
जाने के मौलिक अधिकारों का हनन होता हे। दिल्ली सरकार की सम विषम योजना इस साल चार नवंबर
से शुरू हुयी है जो 15 नवंबर तक जारी रहेगी।