आकाश वर्मा
नई दिल्ली। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप के एक दोषी पवन की याचिका पर
मंडोली जेल प्रशासन से एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करने की मांग की है। कोर्ट ने मंडोली जेल प्रशासन से 8
अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले पर अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी. पवन ने अपनी
याचिका में मंडोली जेल के दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ मारपीट करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने
की मांग की है। पवन ने अपनी याचिका में कहा है कि पुलिसकर्मियों की पिटाई की वजह से उसके सिर में चोटें
आईं. पिछले 9 मार्च को निर्भया मामले के दोषी विनय शर्मा ने दिल्ली के उप-राज्यपाल के समक्ष अर्जी दाखिल
किया। विनय शर्मा ने अपनी अर्जी में फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की है। विनय ने अपने वकील
एपी सिंह के जरिये दायर अर्जी में अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 432 और धारा 433 के तहत फांसी की सजा
को निलंबित करने की मांग की है। पिछले 5 मार्च को पटियाला हाउस कोर्ट ने चौथी बार निर्भया गैंगरेप के दोषियों
के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी किया। एडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणा ने चारो दोषियों को 20 मार्च को सुबह
साढ़े पांच बजे फांसी देने का आदेश दिया है। इसके पहले पिछले 2 मार्च को कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप के दोषियों की
3 मार्च को फांसी देने के आदेश पर रोक लगा दिया था। कोर्ट ने दोषी पवन गुप्ता की राष्ट्रपति के यहां दया
याचिका लंबित होने की वजह से फांसी की सजा पर रोक लगाई थी। 2 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने पवन गुप्ता की
क्युरेटिव याचिका खारिज कर दिया था। जिसके तुरंत बाद 2 मार्च को ही पवन गुप्ता की ओर से राष्ट्रपति के यहां
दया याचिका दायर की गई. पिछले 17 फरवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट
जारी कर दिया था। एडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणा ने 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी देने का आदेश जारी किया
था।