मनीष गोयल
नई दिल्ली। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के देश के निजी अस्पतालों में इलाज पर आने
वाले खर्च की एक अधिकतम सीमा तय करने के लिए दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुये उच्चतम
न्यायालय ने केंद्र से इस बारे में जवाब तलब किया है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने
जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुये केंद्र सरकार को इस संबंध में नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब तलब
किया है। यह जनहित याचिका अविशेक गोयनका ने दायर की है जिसमें निजी अस्पतालों में कोविड—19 के मरीजों
के इलाज के खर्च की ऊपरी सीमा निर्धारित करने का अनुरोध किया गया है। अदालत ने कहा कि इस जनहित
याचिका की एक प्रति सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता को दी जानी चाहिए जो इस मुद्दे पर निर्देश लेंगे और एक
सप्ताह में जवाब देंगे। याचिका में संक्रमित लोगों के लिए निजी पृथक—वास केंद्र की सुविधा एवं अस्पतालों की
संख्या बढ़ाने की भी मांग की गयी है, ताकि वे इस तरह की सुविधाओं का लाभ भुगतान के आधार पर उठा सकें।
वर्तमान में इस तरह का विकल्प मरीजों के पास नहीं है। इसमें यह भी कहा गया है कि सरकार को समान मानक
वाले ऐसे केंद्रों में उपचार की सांकेतिक दरों को भी निर्धारित करने के लिये कहा जाए। इसमें यह भी कहा गया है
कि बीमा कंपनियों द्वारा मेडिक्लेम का समयबद्ध निपटान होना चाहिए और सभी बीमित रोगियों को कैशलेस
उपचार की सुविधा प्रदान की जाए।