वाराणसी। धर्मनगरी काशी के 'धरती पकड़' सभासदी से लेकर राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने वाले
हास्य कवि नरेन्द्र नाथ दुबे 'अडिग' का बुधवार तड़के हृदयाघात से निधन हो गया। उन्होंने 65 वर्ष की आयु में
अपने वरुणापुल स्थित घर पर अंतिम सांस ली। अडिग के निधन की सूचना पाते ही उनके आवास पर शुभचिंतकों
का तांता लग गया। अपराह्न बाद अन्तिम यात्रा निकलेगी।
नरेन्द्र नाथ दुबे 'अडिग' को काशी का धरतीपकड़ भी कहा जाता था । इनका नाम अडिग इसलिए रहा क्योंकि वे
1984 से लगातार लोकसभा, विधानसभा और स्नातक चुनाव और उपचुनाव लड़ते रहे। चुनाव में हार कर अपना
जमानत जब्त कराते रहे। मगर अपने इरादे से डिगे नही। नरेन्द्र नाथ दुबे 'अडिग' ने पांचवीं बार राष्ट्रपति चुनाव के
लिए पर्चा भरा था। एमए, एलएलबी नरेन्द्र नाथ दुबे 'अडिग' 1984 में वाराणसी की एक विधानसभा सीट से चुनाव
लड़े। तब से लेकर जीवनकाल तक जितने भी विधानसभा, लोकसभा, स्नातक विधान परिषद और उपचुनाव हुए
सभी में नामांकन किया।
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ भी दावेदारी पेश की थी, मगर
उनकी जमानत जब्त हो गई। इसके अलावा दो बार राष्ट्रपति और एक बार उप राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए
नामंकन किया, लेकिन हर बार मामला खारिज हो गया। इन्होंने जितने भी चुनाव लड़े उनमें से कुछ किन्हीं कमियों
के कारण रद्द हो गए, बाकी जो पूरे हुए उनमें से किसी में जमानत तक जब्त हो गई । उप राष्ट्रपति के चुनाव में
40 सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर कर नामांकन पत्र दाखिल करने के आरोपित अधिवक्ता नरेंद्र नाथ दुबे अडिग की
जमानत हुई तो उन्होंने कहा था कि नामांकन दाखिल करना कोई अपराध नहीं है। वह आगे भी चुनाव लड़ते रहेंगे।
'अडिग' की खास हंसी और अंदाज को हर बनारसी पहचानता था।