लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब तक नए शिक्षकों की नियुक्ति न हो जाए तब तक सेवानिवृत्त शिक्षकों से ही सेवाएं ली जाएं। उन्हें एक फिक्स मानदेय दिया जाए।
लोकभवन में मिशन रोजगार के अंतर्गत उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 219 प्रधानाचार्यों को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में माध्यमिक शिक्षा के कॉलेज नकल के अड्डे बन गए थे, जिनमें ठेके पर नकल कराई जाती थी। पिछले छह वर्षों में इसमें सुधार हुआ है। गत वर्ष माध्यमिक शिक्षा परिषद के द्वारा संपन्न हुई हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड की परीक्षा देश में एक नजीर बनी है। परिषद ने 15 दिन के अंदर 56 लाख विद्यार्थियों की नकल विहीन परीक्षा कराई और 15 दिन के अंदर ही परिणाम भी दे दिया।
उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य शिक्षण संस्थान की रीढ़ होते हैं। अगर प्रधानाचार्य अनुशासित रहकर कॉलेज में नई गतिविधियों और नवाचारों को बढ़ावा देते हैं तो उसके सार्थक परिणाम सामने आते हैं। प्रधानाचार्यों को विद्यालयों को रचनात्मक गतिविधियों का केंद्र बनाकर अभिभावकों से संवाद करना चाहिए। विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम के साथ-साथ देश-दुनिया और युवा कल्याण एवं महिला कल्याण से जुड़ी सरकार की योजनाओं के बारे में भी जानकारी देनी चाहिए। इससे विद्यार्थियों में ज्ञान के साथ-साथ जागरुकता भी आती है और प्रधानाचार्य का कार्यकाल भी यादगार बनता है।
श्री योगी ने कहा कि यह वही उत्तर प्रदेश है, जहां पिछली सरकारों में सुरक्षा में सेंध लगती थी। प्रदेश के नागरिक अपने आपको सुरक्षित नहीं महसूस कर पाते थे। अव्यवस्था और अराजकता का वातावरण होता था। दंगे और भ्रष्टाचार यहां की पहचान थे। निवेशक प्रदेश छोड़कर जा रहे थे। हमारी सरकार ने जब सुरक्षित माहौल दिया तो प्रदेश को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से 38 लाख करोड़ रुपये का निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुआ। इससे एक करोड़ से ज्यादा युवाओं को नौकरी मिलेगी। उन्होंने कहा कि विगत छह वर्ष में निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हमारी सरकार छह लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी देने में सफल रही है। इसमें 164000 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है।
उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का केंद्र है। देश में सबसे ज्यादा आध्यात्मिक पर्यटन यहीं है, जिसमें भारी बढ़ोतरी हुई है। 2017 के पहले तक उत्तर प्रदेश में सिर्फ डेढ़ से दो करोड़ पर्यटक ही आते थे। आज यह संख्या बढ़कर एक वर्ष में 30 करोड़ पर्यटकों की हो चुकी है। प्रदेश में एक पर्यटक के आने से विभिन्न तरह के रोजगार सृजित होते हैं। उन्होंने कहा कि अगर सामूहिक रूप से प्रयास किए जाएं तो उत्तर प्रदेश देश की नंबर एक अर्थव्यवस्था बन सकता है। इसके हर क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्ति को अपने स्तर पर कार्य करने होंगे।
श्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश शिक्षा का केंद्र रहा है। आजादी के समय देश के विभिन्न राज्यों में शिक्षकों की आपूर्ति उत्तर प्रदेश करता था। हमें फिर से उस दिशा में प्रयास करते हुए अनुशासित और राष्ट्र भक्त नागरिकों की फौज खड़ी करनी होगी। कार्यक्रम में माध्यमकि शिक्षा की राज्यमंत्री गुलाबो देवी, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार, शिक्षा विभागी के अधिकारी और चयनित प्रधानाचार्य मौजूद थे।