नई दिल्ली। देश में एक दिन में कोविड-19 के 19,740 नए मामले आने से संक्रमण के
कुल मामलों की संख्या 3,39,35,309 हो गई जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या घट कर 2,36,643 रह गई है
जो 206 दिन में सबसे कम है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस से 248 और
मरीजों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या 4,50,375 हो गई है। संक्रमण के रोज आने वाले मामले लगातार 15वें
दिन 30,000 से कम है।
मंत्रालय ने बताया कि राष्ट्रव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत टीकों की अब तक दी गई कुल खुराकें
94 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी हैं।
आंकड़ों के मुताबिक, उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 2,36,643 रह गयी है जो संक्रमण के कुल मामलों
का 0.70 प्रतिशत है और मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है। कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की राष्ट्रीय
दर 97.98 प्रतिशत दर्ज की गयी जो मार्च 2020 के बाद से सबसे अधिक है।
मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटों में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 3,578 मामलों की कमी दर्ज की गयी
है। संक्रमण की दैनिक दर 1.56 प्रतिशत दर्ज की गयी। यह पिछले 40 दिनों से तीन प्रतिशत से कम रही है।
साप्ताहिक संक्रमण दर 1.62 प्रतिशत दर्ज की गयी जो पिछले 106 दिनों से तीन प्रतिशत से कम है।
इस बीमारी से उबरने होने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 3,32,48,291 हो गयी है जबकि मृत्यु दर 1.33 प्रतिशत
दर्ज की गयी।
देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को
40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख,
11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19
दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के
पार चले गए थे।
आंकड़ों के मुताबिक, जिन 248 मरीजों की मौत हुई है उनमें से 120 की केरल में और 59 की मौत महाराष्ट्र में
हुई। देश में इस महामारी से 4,50,375 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से महाराष्ट्र में 1,39,470 लोगों ने,
कर्नाटक में 37,866 ने, तमिलनाडु में 35,754 ने, केरल में 26,072 ने, दिल्ली में 25,088 ने, उत्तर प्रदेश में
22,896 ने और पश्चिम बंगाल में 18,882 लोगों ने जान गंवाई।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की संक्रमण से मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा
मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय
आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।