नई दिल्ली। दिल्ली एम्स में दो डॉक्टरों के बीच हुए झगड़े का खामियाजा यहां के मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।विवाद के बाद रेजिडेंट डॉक्टर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं जिसके चलते स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार एम्स के राजेंद्र प्रसाद सेंटर (आरपीसी) के चीफ ने बुधवार को रेजिडेंट डॉक्टर को तीमारदारों के सामने थप्पड़ जड़ दिया है। मामला इतना बढ़ गया कि इसके विरोध में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने गुरुवार शाम से हड़ताल की घोषणा कर दी। शुक्रवार को हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। एम्स की ओपीडी व्यवस्था पूरी तरह से ठप पड़ गई है। हालांकि, इमरजंसी सेवाओं पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
नर्सिंग स्टाफ के सामने ही मार दिया थप्पड़
एम्स रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. हरजीत सिंह भट्टी ने बताया कि बुधवार सुबह आरपीसी चीफ डॉ. अतुल कुमार समय से पहले ही राउंड पर निकले थे। इस दौरान एक मरीज को लेकर चर्चा चल रही थी। इसी बीच रेजिडेंट डॉक्टर का मोबाइल फोन बज उठा, जिसे सुनकर डॉ. अतुल कुमार गुस्से में आ गए और वह रेजिडेंट डॉक्टर के मोबाइल फोन को नीचे फेंकने लगे। रेजिडेंट डॉक्टर ने इसका बचाव किया तो उन्होंने रेजिडेंट डॉक्टर को तीमारदार व नर्सिंग स्टाफ के सामने ही थप्पड़ मार दिया।
कार्रवाई की मांग
हरजीत सिंह भट्टी ने बताया कि डॉ. अतुल कुमार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर वह एम्स प्रशासन से बात कर चुके हैं, लेकिन एम्स प्रशासन आरोपी आरपीसी चीफ को बचाने की कोशिश करते हुए उलटा हम पर कार्रवाई करने की बात कर रहा है। इसके खिलाफ हमने अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है। हालांकि, हड़ताल से इमरजेंसी और आइसीयू वार्ड को प्रभावित नहीं किया जाएगा, लेकिन अन्य सभी चिकित्सकीय सेवाओं से सभी रेजिडेंट डॉक्टर दूर रहेंगे।
हड़ताल खत्म करने की मांग
एम्स प्रशासन ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि बातचीत के बावजूद रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल गैरकानूनी है।ऐसे में अब सभी सर्जरी कैंसल कर दी गई हैं और पढ़ाई और एग्जाम जैसे एकेडमिक कार्य अगले आदेश तक ठप रहेंगे। एम्स निदेशक ने जल्द से जल्द हड़ताल खत्म करने की मांग की है।