दिल्ली में कई ब्रांड के दूध के सैंपल हुए फेल, घीं और शहद की गुणवत्ता भी खराब

asiakhabar.com | May 5, 2018 | 4:05 pm IST
View Details

नई दिल्‍ली। मिलावट के खिलाफ बने कानूनों के बावजूद अच्छी गुणवत्ता की चीजें आज भी आम आदमी तक नहीं पहुंच पा रही हैं। कंपनियां अपने उत्पादों के दाम तो बढ़ा देती हैं लेकिन उनका स्तर गिर रहा है। इसका खुलासा दिल्ली में हुआ है जहां दूध के 165 सैंपल में से 21 मानक स्‍तर पर फेल हो गए। कम गुणवत्ता वाले दूध के उत्‍पादों में अमूल और मदर डेयरी जैसे प्रसिद्ध ब्रांड भी शामिल हैं।

खबरों के अनुसार 13 अप्रैल को शुरू हुए इस ड्राइव में जांच के लिए शहद के साथ घी के तीन नमूनों को भी लिया गया जिनकी गुणवत्‍ता में कमी पाई गई। सबस्‍टैंडर्ड का उल्‍लेख करते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि इसका दो अर्थ निकलते हैं: एक असुरक्षित या नकली और दूसरा आवश्‍यक गुणवत्‍ता में कमी उदाहरण के लिए पर्याप्‍त मात्रा में वसा नहीं होता।

डाबर पर चार लाख का जुर्माना

जिला खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा लिए नमूने प्रयोगशाला जांच में फेल साबित होने पर एडीएम प्रशासन की कोर्ट ने डाबर इंडिया लिमिटेड पर चार लाख का जुर्माना लगाया है। जिला अभिहित अधिकारी संजय शर्मा ने बताया कि 16 अक्टूबर 2015 को नॉलेज पार्क तीन स्थित एक स्टोर से खाद्य विभाग की टीम ने डाबर हनी के मून पैक के नमूने लिए थे।

यह नमूना प्रयोगशाला जांच में मानकों पर खरा नहीं उतर सका। यह पैक डाबर इंडिया लिमिटेड मलकपुर बद्दी सोलन हिमाचल प्रदेश में बने थे। विभाग ने निर्माता इकाई के खिलाफ मामला दर्ज कराया। करीब ढाई साल तक सुनवाई के बाद एडीएम प्रशासन की कोर्ट ने खाद्य अधिनियम 51 के तहत दोषी मानते हुए चार लाख का जुर्माना लगाया है।

अमूल व मदर डेयरी भी गुणवत्‍ता में फेल

राजधानी में दूध में मिलावट हो रही है। दिल्ली सरकार द्वारा दूध व घी के नमूनों की कराई गई जांच में यह बात सामने आई है। दिल्ली के विभिन्न इलाकों से जांच के लिए उठाए गए 165 नमूनों में से 21 गुणवत्ता मानकों पर फेल हो गए। पानी व दूध पाउडर की मिलावट पाई गई। शुक्रवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि अमूल व मदर डेयरी के दूध के नमूने भी मानकों पर खरे नहीं उतरे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जांच में कोई भी सैंपल इस्तेमाल के लिए असुरक्षित नहीं मिला, लेकिन उनमें वसा व अन्य जरूरी पोषक तत्व तय मानकों से कम मात्र में पाए गए। इस मामले में दिल्ली सरकार ने मुकदमा दर्ज करने व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।

दिल्‍ली से लिए गए 177 दूध के नमूने

सत्येंद्र जैन ने बताया कि दूध में मिलावट की शिकायतें आ रहीं थीं। पिछले दिनों विधानसभा में भी मुद्दा उठाया गया था। इसके बाद दूध के नमूनों की जांच के निर्देश दिए गए थे। इसके मद्देनजर खाद्य सुरक्षा विभाग ने 13 से 28 अप्रैल के बीच दिल्ली से दूध के 177 नमूने उठाए। इसमें ब्रांडेड और स्थानीय दूध विक्रेताओं के नमूने शामिल हैं। 165 नमूनों की जांच रिपोर्ट आ गई है, जिसमें पाया गया कि 21 नमूनों की गुणवत्ता खराब है, लेकिन किसी भी नमूने में हानिकारक तत्व नहीं मिले हैं। इसमें अमूल व मदर डेयरी के नमूने भी शामिल हैं।

कार्रवाई का प्रावधान

दूध की गुणवत्ता खराब होने के मामलों में दोषियों पर 5000 से पांच लाख रुपये तक जुर्माना लगाने का प्रावधान है। यदि खाद्य वस्तु में ऐसा मिलावट हो जो स्वास्थ्य के लिए हानिकार हो तो ऐसी स्थिति में छह माह से तीन साल तक की जेल हो सकती है। मदर डेयरी ने बयान जारी कर कहा है कि दूध के नमूनों की जांच रिपोर्ट सरकार से हमें अब तक नहीं मिली है।

इसलिए इस मामले पर ज्यादा कुछ कहना मुश्किल है। फिर भी हम यह कह सकते हैं कि चार स्तरों पर गुणवत्ता मानकों की जांच के बाद दूध उपभोक्ताओं तक पहुंचता है। इसलिए दूध की गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखा जाता है। हाल ही में मदर डेयरी के पॉली पैक दूध को तय मानकों के पूरा पालन के लिए क्वालिटी मार्क प्रमाण पत्र मिला है।

घी में भी मिलावट

खाद्य सुरक्षा विभाग ने घी के नमूने भी उठाए। शुरुआती रिपोर्ट में उसमें भी मिलावट की बात समाने आई है, लेकिन अंतिम जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। मिलावट के मद्देनजर सरकार ने दूध से बने सभी उत्पादों के नमूने जांच के लिए उठाने के आदेश दिए हैं।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *