नई दिल्ल। विश्व पुस्तक मेला शनिवार से प्रगति मैदान में शुरू हुआ। जलवायु परिवर्तन विषय पर लोगों को जागरूक करने के लिए इस बार मेले का थीम ‘पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन’ रखा गया है। इस विषय पर दुनियाभर में प्रकाशित 500 से अधिक श्रेष्ठ पुस्तकें यहां उपलब्ध हैं। इसके अलावा साहित्य, इतिहास, कला-संस्कृति, दर्शनशास्त्र, समाजशास्त्र, ज्योतिष, आध्यात्म, बाल साहित्य, खेल, व्यंजन समेत विभिन्न विषयों पर ढेरों किताबें प्रदर्शित की गई हैं।
मेले में 40 देशों से 800 से अधिक प्रकाशक हिस्सा ले रहे हैं। 26वें पुस्तक मेले का शुभारंभ केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को करना था, लेकिन अपरिहार्य कारणों से वे नहीं पहुंच सके। उनके स्थान पर उनका वीडियो संदेश प्रसारित किया गया।
यूरोपीय संघ के राजदूत टोमाश कोजलौस्की ने बतौर विशिष्ट अतिथि प्रौद्योगिकी के दौर में भी किताबों की भूमिका को अहम बताया। उन्होंने कहा कि इंटरनेट या प्रौद्योगिकी कभी भी किताबों का स्थान नहीं ले सकती। किताबें प्रौद्योगिकी से कहीं अहम हैं और हर युग में ज्ञान बढ़ाने का काम करती हैं।
नौ दिन का यह मेला 14 जनवरी तक चलेगा। हॉल नं. 7 के पास बाल मंडप बनाया गया है। यहां बाल साहित्य और उससे जुड़ी गतिविधियां ही नहीं होंगी, बल्कि बच्चों के लेखक बच्चों के साथ बातचीत भी करेंगे। हॉल नं. 7 में यूरोपीय संघ के सदस्य देशों का विशेष मंडप बनाया गया है। मेले में थीम आधारित एक कैलेंडर का विमोचन भी किया गया।