नई दिल्ली पर बल देते हुए कहा कि तीर्थाटन अपने आप में भारत को एक सूत्र में पिरोता
है। ज्योर्तिलिंगों और शक्तिपीठों की श्रृंखला भारत को एक सूत्र में बांधती है। त्रिपुरा से लेकर गुजरात तक, जम्मू –
कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक स्थापित हमारे आस्था के केन्द्र, हमें एक करते हैं। भक्ति आंदोलन पूरे भारत में
एक बड़ा जन आंदोलन बन गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अनुष्ठान से पहले विभिन्न नदियों का आह्वान किया
जाता है, इसमें सुदूर उत्तर में स्थित सिंधु नदी से लेकर दक्षिणी भारत की जीवनदायिनी कावेरी नदी तक शामिल
है। शंकराचार्य का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य जी ने भारत के चारों दिशाओं में महत्वपूर्ण
मठों की स्थापना की। उत्तर में बद्रिकाश्रम, पूर्व में पुरी, दक्षिण में श्रृंगेरी और पश्चिम में द्वारका। उन्होंने श्रीनगर
की यात्रा भी की, यही कारण है कि वहां एक शंकराचार्य हिल है। एकजुटता के संदेश पर जोर देते हुए पीएम मोदी
ने कहा कि देश के लोग स्नान करते समय पवित्र भाव से एकता का मंत्र ही बोलते हैं। इसी प्रकार सिखों के पवित्र
स्थलों में नांदेड़ साहिब और पटना साहिब गुरुद्वारे शामिल हैं। हमारे सिख गुरुओं ने अपने जीवन और सद्कार्यों के
माध्यम से एकता की भावना को प्रगाढ़ किया है। पिछले शताब्दी में हमारे देश में बाबा साहब डॉ. भीम राव
अम्बेडकर जैसी महान विभूतियां रही हैं, जिन्होंने हम सभी को संविधान के माध्यम से एकजुट किया।