तमिलनाडु में बाढ़ से हुए नुकसान का मुद्दा उठा रास में, केंद्र से मदद की मांग

asiakhabar.com | February 2, 2022 | 5:17 pm IST
View Details

नई दिल्ली। तमिलनाडु में पिछले साल अक्टूबर और नवंबर माह में भीषण बारिश की वजह
से हुए नुकसान का मुद्दा उठाते हुए राज्यसभा में बुधवार को द्रमुक के एक सदस्य ने सरकार से तत्काल वित्तीय
सहायता की मांग की ताकि राज्य के लोगों को राहत मुहैया कराई जा सके।
शून्यकाल के दौरान द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सदस्य पी विल्सन ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि अक्टूबर,
नवंबर 2021 में भीषण बारिश की वजह से तमिलनाडु के कई जिले प्रभावित हुए और अवसंरचना से लेकर फसल
तक को व्यापक नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी की वजह से पहले से ही आर्थिक संकट का
सामना कर रही तमिलनाडु सरकार ने राज्य के लोगों को यथासंभव मदद दी है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।
विल्सन ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्रीय दल भी गया था लेकिन
ढाई महीने बीत जाने के बाद भी अब तक केंद्र की ओर से राज्य को कोई आर्थिक मदद नहीं दी गई है। उन्होंने
कहा कि इस बारे में केंद्र को राज्य की ओर से तीन ज्ञापन दिए गए और प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री के समक्ष
अभ्यावेदन भी दिया गया किंतु अब तक कोई मदद नहीं मिली है।
विल्सन ने सरकार से मांग की कि राज्य को तत्काल छह हजार करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी जाए ताकि लोगों
को राहत दी जा सके।
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के विजय साई रेड्डी ने शून्यकाल में तिरूमला तिरूपति देवस्थानम से जुड़ा मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा कि तिरूमला हिंदुओं का एक प्रख्यात तीर्थ स्थल है जहां पूरी दुनिया भर से श्रद्धालु आते हैं। उन्होंने
कहा कि इस तीर्थ स्थल का प्रबंधन करने वाला तिरूमला तिरूपति देवस्थानम शैक्षिक और सामाजिक सहित कई
तरह की परमार्थ गतिविधियां चलाता है जिसके लिए उसे धन की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि यह धन
उसे चंदे में और अनुदान के रूप में मिलता है। विदेशों से भी अनुदान मिलता है।
विजय साई रेड्डी ने कहा कि दिसंबर तक तिरूमला तिरूपति देवस्थानम के बैंक खाते में 13.4 करोड़ रुपये थे।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने तिरूमला तिरूपति देवस्थानम का ‘एफसीआरए’ पंजीकरण एक तुच्छ तकनीकी
आधार पर रोक दिया है जो नहीं रोका जाना चाहिए।
उन्होंने मांग की सरकार को इस ओर तत्काल ध्यान देना चाहिए।

मनोनीत सदस्य नरेंद्र जाधव ने कहा कि देश के कई हिस्सों में हर साल प्राकृतिक आपदाएं आती हैं जिनकी वजह
से कई ऐतिहासिक धरोहरों को नुकसान पहुंचता है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की ऐतिहासिक धरोहरें उस देश
की अमूल्य संपदा होती हैं जिनका संरक्षण जरूरी है ताकि आने वाली पीढ़ियां अपने इतिहास और संस्कृति को जान
सकें।
जाधव ने सरकार से मांग की कि राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों, ऐतिहासिक धरोहरों का चरणबद्ध तरीके से विश्लेषण
कर उनकी स्थिति का पता लगाना चाहिए और उनके संरक्षण के लिए समय रहते उपाय किये जाने चाहिए।
शून्यकाल में ही कांग्रेस के राजामणि पटेल ने रीवा में राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस
राजमार्ग पर पथकर वसूलने वाली कंपनी नियमों का कथित तौर पर उल्लंघन कर रही है जिस पर ध्यान दिया
जाना चाहिए।
तेलुगु देशम पार्टी के कनक मेदला रविंद्र कुमार ने अनुसूचित जाति से जुड़ा मुद्दा उठाया।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *