मनीष गुप्ता
नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने आज वीडियो
कॉन्फ्रेंस के जरिए 7वें अच्छी, अनुकरणीय प्रक्रियाओं के राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने
नई स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली तथा आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य आरोग्य केन्द्रों में टीबी सेवाओं के दिशा-
निर्देशों और कुष्ठ रोग के लिए सक्रिय मामलों की पहचान और नियमित निगरानी के दिशा-निर्देश भी जारी
किए।
केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत में जन-स्वास्थ्य प्रणाली में अच्छी, अनुकरणीय प्रक्रियाओं
और नवाचार का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करता है। ऐसा पहला सम्मेलन श्रीनगर में 2013 में आयोजित
किया गया था, जिसमें जन-स्वास्थ्य प्रणाली में विभिन्न श्रेष्ठ प्रक्रियाओं और नवाचार को मान्यता देने,
प्रदर्शित करने और प्रपत्र स्वरूप देने के लिए चर्चा की गई थी। इससे पहले छठा सम्मेलन गुजरात के गांधीनगर
में आयोजित किया गया था।
डॉ. हर्ष वर्धन ने इस आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की और इसे महामारी के दौरान आयोजित किए जाने के
लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा, “नवाचार सम्मेलन कार्य नीतियों पर फोकस करना महत्वपूर्ण है, जो
भारत के स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की व्यवस्था को नई ऊंचाई पर ले जाएगा। 2020 में राज्यों और केन्द्र
शासित प्रदेशों ने 210 नई पहल नेशनल हेल्थ केयर इनोवेशन पोर्टल पर अपलोड किए थे। इन नवाचारों का
लक्ष्य एक तरफ लोगों के स्वास्थ्य स्तर में सुधार लाना और दूसरी तरफ सतत् तरीके से जन-स्वास्थ्य व्यवस्था
को मजबूत बनाना है।” उन्होंने स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचार पर मंथन के लिए निम्न स्तर के
स्वास्थ्य कर्मियों को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया और जन-स्वास्थ्य प्रदान करने की व्यवस्था
में वर्षों से कार्यरत कर्मियों के अनुभव और विशेषज्ञता से प्राप्त सामूहिक बुद्धिमत्ता से लाभ उठाना है। डॉ. हर्ष
वर्धन ने दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्री के कार्यकाल के दौरान पोलियो उन्मूलन अभियान का नेतृत्व करते हुए अपने
अनुभवों को साझा किया और स्वास्थ्य कार्यक्रमों में जनता की भागीदारी और समुदाय के सहयोग का स्मरण
कराया।
स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने में विचारों और नवाचार की भूमिका पर बल देते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा,
“नवाचार स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में एक अत्यंत महत्वपूर्ण गुणांक है। कोविड-19 पर किए गए कार्य ने
कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने और नवाचार विकसित करने में नये तरीके की पहल करने का प्रोत्साहन दिया है।
कोविड महामारी ने हमें पीपीई किट, वेंटिलेटर, मास्क और वैक्सीन आदि बनाने के क्षेत्र में आत्म निर्भर बना
दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ई-संजीवनी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एक लाख से अधिक टेली-कंसल्टेशन किए
गए। यह नवाचार दृष्टिकोण का परिणाम है, जिसने समन्वित प्रयासों की शक्ति प्रदान की है।”
स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में डिजिटल और सूचना प्रौद्योगिकी के महत्व को दोहराते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने
कहा, “डिजिटल परिवर्तन ने हमें एक राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में सहायता
दी है, जो कि एक कुशल, सुलभ, समावेशी, वाजिब, समय पर और सुरक्षित तरीके से सार्वभौमिक स्वास्थ्य
कवरेज में सहायक है। नई स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली व्यापक डेटा, सूचना और अवसंरचना सेवाओं, अंतर
प्रचालनीय, मानक आधारित डिजिटल प्रणालियों के प्रावधान के जरिए एक सुचारू ऑनलाइन प्लेटफॉर्म प्रदान
करता है। अधिकतम सूचना आदान-प्रदान ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य निष्कर्ष, बेहतर
निर्णय सहायक प्रणाली और जन-स्वास्थ्य देखभाल के सुधारों में बेहतरी के लिए मदद दी है। स्वास्थ्य और
परिवार कल्याण विभाग ने हाल ही में ई-संजीवनी डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए ओपन डेटा चैम्पियन श्रेणी में
अत्यंत प्रतिष्ठित डिजिटल इंडिया पुरस्कार 2020 प्राप्त किया है।”
टीबी सेवाओं के लिए दिशा-निर्देश जारी करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा, “टीबी नियंत्रण पर भारत सरकार के
निरंतर प्रयासों ने टीबी सूचना और निदान, अनुपालन तथा उपचार निष्कर्षों में अद्वितीय बढ़ोतरी करने में
महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अब तक सूचित न किए गए मामलों की संख्या 2019 में कम होकर 2.9 लाख
मामले हो गई, जबकि 2017 में यह संख्या 10 लाख से अधिक थी। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने
भारत से 2025 तक टीबी समाप्त करने का साहसिक लक्ष्य निर्धारित किया है, जबकि टिकाऊ विकास लक्ष्यों
के अनुसार यह लक्ष्य 2030 निर्धारित किया गया था। 2025 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमें टीबी के
शीघ्र निदान सभी टीबी मरीजों का पहले संपर्क में उपचार तथा समुचित रोगी सहायता प्रणालियों और समुदायों
में टीबी प्रसार की श्रृंखला को तोड़ना सुनिश्चित करना होगा और मिलकर काम करना होगा।”
अंत में डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, “मैं आशावान हूं कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय देश के विभिन्न
भागों में स्वास्थ्य कार्यक्रमों में सुधार और प्राप्त सीख को साझा करने तथा इस संदर्भ में अनुभवों को मिलकर
समृद्ध बनाने के लिए राष्ट्रीय परामर्श आयोजित करने तथा नये नवाचार दृष्टिकोण के पालन की संस्कृति को
जारी रखेगा।”
इस अवसर पर स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, अपर सचिव और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की प्रबंध निदेशक
सुवंदना गुरनानी, सांख्यिकी महानिदेशक सुरत्ना जेना, अपर सचिव विकास शील, राज्यों और केन्द्र शासित
प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रालयों के अन्य अधिकारी तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ. रॉड्रिको ऑफरीन उपस्थित
रहे।