नई दिल्ली।दिल्ली विश्वविद्यालय की संस्कृति परिषद द्वारा G20 को लेकर कल्चरल कम अकैडमिक एक्टिविटीस के तहत पहले कार्यक्रम का आयोजन दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज में 28 अगस्त को किया गया। इस अवसर पर राजवीर सिंह (एडीसी और महालेखा परीक्षक, भारत सरकार) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे जबकि उनके साथ संस्कृति परिषद के चेयर पर्सन अनूप लाठर और संस्कृति परिषद के डीन प्रोफेसर रविंदर कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस दौरान सम्मानीय अतिथि के रूप में कोरियोग्राफर और शास्त्रीय नर्तक गुरु कनिका घोष उपस्थित रही।
इस अवसर पर मुख्यातिथि राजवीर सिंह ने अंग्रेजों द्वारा विकसित किए गए शैक्षिक एवं शैक्षणिक पाठ्यक्रम को बदलने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने सदियों पहले प्रचलित भारतीय शिक्षा प्रणाली के महत्व और आज के दौर में इसकी आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
इस अवसर पर संस्कृति परिषद के चेयर पर्सन अनूप लाठर ने अपने संबोधन में कहा कि यदि भारत को एक वैश्विक नेता और महाशक्ति के रूप में उभरना है तो वर्तमान समय में नई तकनीक और नए विचारों को अपनाना होगा। उन्होंने मंगोलों द्वारा उपयोग की जाने वाली तीरंदाजी में नवाचार के ऐतिहासिक प्रभाव और महत्व पर प्रकाश डालते हुए मंगोलों द्वारा गन पाउडर की खोज के साथ मध्यकाल के दौरान साम्राज्य के निर्माण पर भी विस्तृत जानकारी साझा की।
संस्कृति परिषद के डीन प्रोफेसर रविंदर कुमार ने युवा पीढ़ी का मार्गदर्शन करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा की गई महत्वपूर्ण पहलों और निर्णयों पर चर्चा की। उन्होंने G20 की अध्यक्षता में भारत की यात्रा और इसके महत्व पर भी प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में भारत-अमेरिका संबंधों पर फोक्स रहा। इस अवसर पर संगीत के साथ-साथ शास्त्रीय और अमेरिकी नृत्य शैलियों वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी प्रस्तुतियां दी गई।
इसके पश्चात पैनल डिस्कशन का भी आयोजन किया गया जिसमें सेंटर फॉर पॉलिटिकल स्टडीज से प्रोफेसर हिमांशु रॉय, मिरांडा हाउस कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. बिजय लक्ष्मी नंदा, टीवी टुडे नेटवर्क से गुड न्यूज टुडे के कार्यकारी संपादक कुमार प्रत्युष और G20 की राष्ट्रीय आउटरीच समन्वयक सुश्री वृंदा खन्ना ने भारतीय ज्ञान प्रणाली पर इस चर्चा में भाग लिया।
दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज के कार्यवाहक प्रिंसिपल प्रो. हेम चंद जैन ने अपने संबोधन में भारत-अमेरिका के बीच शिक्षा के क्षेत्र में नवीन पहलों पर प्रकाश डाला और कार्यक्रम से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी। टीम संयोजक प्रो. पी.के. झा और G20 कार्यक्रमों की नोडल अधिकारी डॉ. चारू कालरा ने अपनी टीम के सदस्यों के साथ पूरे कार्यक्रम का सफलता से समन्वय किया।