
नई दिल्ली।दिल्ली विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता एवं विभाजन अध्ययन केंद्र (सीआईपीएस) द्वारा डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर (डीएसडब्ल्यू) के सहयोग से शुक्रवार, 28 मार्च, 2025 को राष्ट्रपति भवन और राष्ट्रपति भवन संग्रहालय का दौरे का आयोजन किया गया। दौरे पर गए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दिल्ली विश्वविद्यालय के पीआरओ अनूप लाठर ने किया। इस अवसर पर सीआईपीएस के निदेशक प्रो. रविंदर कुमार और डीएसडब्ल्यू प्रो. रंजन कुमार त्रिपाठी विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से मुलाक़ात भी की। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने विद्यार्थियों के साथ संवाद के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा दाखिलों में अनाथ श्रेणी शुरू करने की पहल की सराहना की।
इस अवसर पर अनूप लाठर ने दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को एक स्मारिका भेंट की। सीआईपीएस के निदेशक प्रो. रविंदर कुमार ने माननीय राष्ट्रपति को यात्रा के उद्देश्य के बारे में संक्षिप्त रूप से परिचित कराया। उन्होंने डीयू की अन्य अच्छी पहलों के अलावा, दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह द्वारा की गई सशक्तिकरण की सराहनीय पहल के रूप में अनाथ श्रेणी की शुरुआत पर भी प्रकाश डाला। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा की गई इस पहल की सराहना की। उन्होंने छात्रों के साथ बातचीत भी की और छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय के अपने अनुभव साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रो. रविंदर कुमार ने बताया कि इस यात्रा की परिकल्पना साउथ कैंपस के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह द्वारा तैयार की गई थी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति के साथ सामूहिक फोटोग्राफ के साथ बातचीत समाप्त हुई, जिसके बाद राष्ट्रपति भवन द्वारा हाई टी का आयोजन किया गया। हाई टी के बाद पूरी टीम को राष्ट्रपति भवन की भव्यता को देखने के लिए एक निर्देशित दौरा कराया गया। इसके बाद टीम को राष्ट्रपति भवन संग्रहालय देखने का अवसर भी मिला। राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों ने बहुत ही विनम्रता और लगन से दिल्ली विश्वविद्यालय की पूरी टीम की मेजबानी की। दौरे पर गई इस टीम में सीआईपीएस की संयुक्त निदेशक प्रो. ज्योति त्रेहन शर्मा, डीएसडब्ल्यू की संयुक्त डीन प्रो. संगीता गदरे, डीएसडब्ल्यू की संयुक्त डीन प्रो. हेना सिंह और सांस्कृतिक परिषद के संयुक्त डीन डॉ. हेमंत वर्मा के साथ-साथ अनाथ श्रेणी के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले हुए 28 स्नातक और स्नातकोत्तर छात्र भी शामिल थे।