गुरुग्राम। औद्योगिक क्षेत्रों में 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति का दावा परवान चढ़ता
नहीं दिख रहा है। अधिकतर औद्योगक क्षेत्रों में पावर कट की समस्या बनी हुई है। उद्यमियों का कहना है कि
कभी अघोषित पावर कट, तो कभी मरम्मत के नाम पर तो कभी फाल्ट के नाम पर लंबे समय तक बिजली काटी
जा रही है। आइएमटी मानेसर, उद्योग विहार, बसई कादीपुर, बनौला, बेगमपुर खटोला, आइडीसी सहित अन्य
औद्योगिक क्षेत्रों में कुछ न कुछ बिजली का संकट बना हुआ है। जो उद्योग जगत पर भारी पड़ रहा है। यही
कारण है कि उद्यमियों द्वारा बिजली के अभाव में जेनरेटर चलाने की मांग की जा रही है।
वायु प्रदूषण को लेकर औद्योगिक इकाइयों पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। वह किसी भी स्थिति में डीजल जेनरेटर
का संचालन नहीं कर सकते हैं। उद्यमी दिनेश अग्रवाल का कहना है कि ठीक से बिजली मिले तो उद्यमियों पर
डीजल जेनरेटर चलाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। पिछले कुछ दिनों से देखने में आ रहा है कि औद्योगिक क्षेत्रों में
विभिन्न कारणों से बिजली की कटौती हो रही है। गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण यादव का कहना
है कि बिजली को लेकर समस्या आ रही है। जिस प्रकार से दावा किया गया था कि औद्योगिक क्षेत्रों में 24 घंटे
बिजली की आपूर्ति की जाएगी वैसा नहीं हो रहा है। ऊपर से जेनरेट चलाने पर पाबंदी लगाई गई है।
औद्योगिक क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति को लेकर किए गए सभी दावे फेल हो रहे हैं। 26 दिसंबर को हुई हल्की
बारिश के बाद आइएमटी सेक्टर-छह तथा सात में बिजली गुल हो गई थी। जो कई घंटे बाद आपूर्ति बहाल हुई।
औद्योगिक क्षेत्र में आए दिन बिजली को लेकर दिक्कत आ रही है। बिजली के अभाव में डीजल जेनरेटर चलाने की
अनुमति उद्योगों को दी जानी चाहिए।