वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि संस्कृति में एकजुट करने की अंतर्निहित क्षमता होती है और जी20 देशों के संस्कृति मंत्रियों का कार्य पूरी मानवता के लिए बहुत महत्व रखता है। प्रधानमंत्री ने जी20 संस्कृति मंत्रियों की यहां हुई बैठक में शामिल प्रतिनिधियों के लिए पहले से रिकॉर्ड किए गए वीडियो संदेश में कहा कि वाराणसी अध्यात्म, ज्ञान और सत्य का खजाना है।
मोदी ने जी20 देशों के मंत्रियों की सभा से कहा, ”संस्कृति में एकजुट करने की अंतर्निहित क्षमता होती है… आपका कार्य संपूर्ण मानवता के लिए बहुत महत्व रखता है।” उन्होंने कहा कि दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री संग्रहालय ”भारत की लोकतांत्रिक विरासत को दर्शाता” है। मोदी ने कहा, ”विरासत आर्थिक विकास, विविधता के लिए महत्वपूर्ण पूंजी है।” उन्होंने कहा कि भारत का मंत्र है-‘विरासत भी, विकास भी।’ मोदी ने कहा कि भारत अपनी ”सांस्कृतिक विरासत का बेहतर संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल” कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में शामिल मंत्रियों और अन्य प्रतिनिधियों को करीब नौ मिनट के वीडियो संदेश के जरिये शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी ने 24-25 अगस्त के दौरान जी20 संस्कृति कार्य समूह (सीडब्ल्यूजी) की चौथी और अंतिम बैठक की मेजबानी की। प्रतिनिधियों ने 23 अगस्त से शहर में आना शुरू कर दिया था और इस अवसर पर सड़कों और गंगा नदी के घाटों को खास अंदाज में सजाया गया था। सीडब्ल्यूजी का समापन संस्कृति मंत्रियों की बैठक के साथ होता है।
प्रधानमंत्री मोदी के वीडियो संदेश के बाद केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने अपने विचार रखे। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने गोवा में जी20 देशों के पर्यटन मंत्रियों की जून में हुई बैठक के उद्घाटन सत्र के दौरान एक वीडियो संदेश के जरिये अन्य देशों के प्रतिनिधियों को 2024 में होने वाले आम चुनावों के दौरान भारत का दौरा करने और विविधता से भरपूर ”लोकतंत्र के त्योहार” का साक्षी बनने के लिए आमंत्रित किया था।