नई दिल्ली। बहुतायत में चल रहे कोचिंग संस्थानों का मुद्दा उठाते हुए राज्यसभा
में जदयू के एक सदस्य ने मंगलवार को कहा कि भारी भरकम फीस लेने वाले इन संस्थानों में
विद्यार्थियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए समुचित कदम नहीं उठाए जाते।जदयू के रामनाथ ठाकुर ने
उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा ‘‘गली गली में कोचिंग संस्थान खुल रहे हैं।
यह एक तरह का व्यवसाय बन गया है। हाल ही में एनएसओ द्वारा जारी आंकड़ों में बताया गया है कि
कोचिंग संस्थानों की संख्या सात करोड़ से कहीं ज्यादा है जिनमें 25 करोड़ से अधिक छात्र पढ़ रहे
हैं।’’उन्होंने कहा ‘‘विडंबना यह है कि भारी भरकम फीस लेने वाले इन कोचिंग संस्थानों में विद्यार्थियों की
सुविधा और सुरक्षा के लिए समुचित कदम नहीं उठाए जाते। अगर विद्यार्थी बीच में ही कोचिंग संस्थान
छोड़ता है तो उसे उसकी शेष फीस वापस नहीं की जाती। ’’ठाकुर ने पिछले दिनों सूरत के एक कोचिंग
संस्थान में आग लगने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि इस हादसे में कई छात्रों की जान चली
गई। ‘‘यह स्थिति अत्यंत भयावह है।’’उन्होंने सरकार से जगह जगह खुल रहे कोचिंग संस्थानों के लिए
नियम तय करने की मांग की।विभिन्न दलों के सदस्यों ने उनके इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया।