गुरुग्राम। प्रद्युम्न मर्डर केस हो या प्रदूषण का मामला, गुरुग्राम इन दिनों बुरी वजहों से ही सुर्खियों में रहा है।
इन सब बुरी वजहों के बावजूद गुरुग्राम के दसवीं क्लास के स्टूडेंट ने साबित कर दिया कि इंसानियत अभी मरी नहीं है।
तुषार मेहरोत्रा नाम के इस छात्र ने एक सरकारी स्कूल गोद लिया है। यह कुछ ऐसी पहल है कि इसके आधार पर हम उसकी तारीफ किए बिना नहीं रह सकेंगे।
पाथवेज स्कूल के छात्र तुषार के दिमाग में यह विचार तब आया जब उन्हें स्कूल में सामाजिक सरोकार का टॉपिक प्रोजेक्ट दिया गया।
इस युवा छात्र ने एक सरकारी स्कूल के लिए एक लाइब्रेरी की स्थापना के लिए किताबें दान देना शुरू किया। 54 लोगों का स्टाफ कहता है कि तुषार कुछ असाधारण व्यक्ति मालूम होता है।
पिछले तीन महीनों में यह लड़का पूरी तरह से बदला हुआ दिख रहा है। उसने वहां के छात्रों को इंग्लिश और मॉरेल साइंस भी पढ़ाना शुरू कर दिया है।
तुषार ने यहां पंखे, वाटर प्यूरीफायर, किताबें, यूनिफार्म भी दान में दिए हैं। इतना ही नहीं, उसने स्टूडेंट्स के लिए वीकेंड पर स्पेशल लेक्चर की भी व्यवस्था की है।
तुषार ने यह सब एक प्रोजेक्ट के तौर पर ज़रूर किया लेकिन स्कूल व छात्रों की दशा देखने के बाद उसे लगा कि उसे कुछ और भी करना चाहिए।
स्कूल स्टाफ को उस पर गर्व है। स्कूल प्रभारी बलविंदर सिंह ने बताया कि तुषार जो भी कर रहा है वह सराहनीय है।पैसा और चीजें ही नहीं, वह जिस तरह की अटेंशन यहां दे रहा है, वह गौरतलब है। उसकी पहल के बाद अब बच्चों को पढ़ाई में रुचि आने लगी है। काश, अन्य लोग भी कुछ ऐसा ही करने लगें।