गाजीपुर सीट : अगर अफजाल हुए बसपा प्रत्याशी तो आसान होगी भाजपा की राह

asiakhabar.com | March 15, 2019 | 5:09 pm IST
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी के संसदीय सीट वाराणसी से सटे गाजीपुर संसदीय सीट से यदि हत्या व कई अपराध के आरोप में जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के भाई अफज़ाल अंसारी बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी बनाये गए तो वहां का चुनाव दो समुदायों के बीच हो जाना संभावित हो सकता है और इससे भाजपा की जीत की राह आसान बन सकती है। इसके चलते भाजपा सांसद व रेलवे व संचार राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के लिए यह सीट आसान हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि मनोज सिन्हा 2014 के लोकसभा चुनाव में गाजीपुर संसदीय सीट से 32,452 वोट से जीते थे। उनको 3,06,929 वोट मिले थे, जबकि समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी शिवकन्या कुशवाहा को 2,74,477 वोट ही मिले थे। बहुजन समाज पार्टी प्रत्याशी कैलाश नाथ सिंह यादव को 2,41,645 वोट मिले थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में यदि सपा व बसपा के प्रत्याशियों को मिले वोट जोड़ते हैं, तो यह 5,16,122 हो जाता है, जो कि भाजपा प्रत्याशी मनोज सिन्हा को मिले वोट से 2,09,193 वोट अधिक हो जाता है। सपा-बसपा व रालोद गठबंधन करके 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। सीटों के बंटवारे में गाजीपुर संसदीय सीट बसपा ने ले ली है। वहां से चर्चित माफिया मुख्तार अंसारी ने अपने भाई अफजाल को लोकसभा चुनाव लड़ाने के लिए पूरा जोर लगा दिया है।

इसके लिए 13 मार्च 2019 को गाजीपुर के लंका मैदान में सपा-बसपा कार्यकर्ताओं की संयुक्त बैठक बुलाई गई थी, जिसका सारा इंतजाम भी अफजाल अंसारी ने किया था जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर के पुत्र व सपा राज्यसभा सांसद नीरज शेखर, उ.प्र. के पूर्व मंत्री व सपा नेता ओमप्रकाश, सपा नेता राधेश्याम सहित आस-पास के कई संसदीय क्षेत्र के सपा नेता व कार्यकर्ता आये थे। सभी ने इस बैठक में अफज़ाल अंसारी का कीर्तनी भाव से महिमा मंडन किया था। इससे बमबम अफज़ाल अंसारी ने इस बैठक में जो भाषण दिया उसमें कहा, “मैं बाली हूं, मुझसे जो लड़ता है, मेरे सामने जो आता है उसका बल आधा हो जाता है”। उसके इस कथन से गाजीपुर व आस-पास के लोकसभा क्षेत्र के हिन्दू मतदाताओं को करंट की तरह लगा है। इस बारे में गाजीपुर के अखिलेश सिंह का कहना है कि यह तो हद ही है। जुबान पर कोई लगाम ही नहीं है। ‘बाली’ जो कर्म करता था उसके कारण वह मारा गया। यह नहीं जानने वाले पहले तुलसी दास रचित रामायण पढ़ लें। बाली का कर्म करके जनता में दहशत फैलाने, हत्या, अपराध, अपहरण, उगाही आदि गलत कर्म करने वालों को अच्छी तरह मालूम होना चाहिए कि बाली को आदर्श मानने वालों का हश्र क्या हो सकता है?इस बारे में पूर्व मंत्री सुरेन्द्र का कहना है कि गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के मनोज सिन्हा के विरुद्ध यदि सपा-बसपा गठबंधन ने अफज़ाल अंसारी को टिकट दिया, तो क्षेत्र में चुनाव मुस्लिम बनाम हिन्दू हो जायेगा। ऐसे में मनोज सिन्हा 2014 में पाये वोट से कई गुना अधिक वोट पा सकते हैं। क्योंकि तब सपा का यादव और बसपा का दलित वोट भी अफज़ाल की तरफ गोलबंद हुए मुसलमान के विरुद्ध एकजुट हो जाएगा। मुसलमानों की गोलबंदी का उल्टा असर बलिया व घोसी लोकसभा सीट पर भी पड़ सकता है। पूर्वांचल के वरिष्ठ पत्रकार वशिष्ठ का भी यही विचार है।उनका कहना है कि गाजीपुर का अंसारी परिवार पूर्वांचल में आतंक का पर्याय बन गया है। विहिप के एक नेता का अपहरण कराने, कई करोड़ रुपये की फिरौती वसूलने के बाद भी हत्या कराने का आरोप मुख्तार पर है। भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप भी मुख्तार पर ही है।


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