विनय गुप्ता
नई दिल्ली। लोकसभा में बृहस्पतिवार को एक अजब नजारा तब देखने को मिला
जब वरिष्ठ मंत्री नितिन गडकरी ने चीनी मिल के अपने अनुभवों की दुहाई देते हुए सदन के सदस्यों को
शक्कर कारखाना खोलने की जगह गन्ने के रस से एथेनॉल बनाने की सलाह दी। गडकरी प्रश्नकाल में
लघु और मध्यम उद्योगों की भूमिका से संबंधित प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। इसी दौरान एक सदस्य ने
पूरक प्रश्न में महाराष्ट्र में गन्ना किसानों से संबंधित विषय उठाया। गडकरी ने जवाब में कहा कि यह
विषय उनके मंत्रालय के अंतर्गत नहीं आता, लेकिन वह अपने निजी अनुभव से सदस्य को सलाह देंगे कि
‘‘गलती से भी चीनी मिल मत शुरू करिए।’’ उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में वह खुद अनुभव कर रहे हैं कि
चीनी मिलों की हालत बहुत खराब है। यह उद्योग अब आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं रहा।गडकरी ने
कहा कि इसके बजाय गन्ने के रस से एथेनॉल बनाने के बारे में सोचा जा सकता है। पेट्रोलियम मंत्रालय
60 रुपये प्रति लीटर की दर से एथेनॉल खरीदता है। यह लाभकारी हो सकता है। उन्होंने कहा कि वह
स्वयं भी इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं और सदस्यों को जानकारी दे सकते हैं।