नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच विदेश मंत्रालय ने विदेशों में रह रहे
भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाने का निर्णय लिया है। दुनियाभर में पांच हजार से ज्यादा
लोगों की जान लेने वाली इस महामारी से जुड़े मामलों के समाधान में समन्वय के लिए विशेष प्रकोष्ठ का गठन
किया गया है।अधिकारियों ने बताया कि अतिरिक्त सचिव दम्मू रवि को कोविड-19 की प्रतिक्रिया से संबंधित
समन्वय के लिए प्रमुख व्यक्ति नियुक्त किया गया है। चार अन्य अधिकारी और कर्मचारी उनकी सहायता
करेंगे।एक अधिकारी ने कहा,विदेशों में हमारे मिशन रात-दिन काम कर रहे हैं और विदेशों में रहने वाले भारतीयों
के सवालों पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। सभी मिशन ने हेल्पलाइन नंबर स्थापित किए हैं और इन देशों में भारतीय
समुदाय तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल के साथ ही टेलीफोन और ई-मेल के जरिए आने वाले
सवालों का भी पूरी सक्रियता से जवाब दिया जा रहा है।उन्होंने बताया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश
सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला निजी तौर पर हालात की निगरानी कर रहे हैं। जयशंकर ने नौ मार्च को श्रीनगर का दौरा
कर ईरान में फंसे छात्रों के परिजन से मुलाकात कह और उनकी समस्याओं को सुना। अधिकारियों ने बताया कि
कोरोना वायरस से प्रभावित कई देशों से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए मंत्रालय विदेशों में स्थित अपने
मिशन के साथ काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि ईरान और इटली में भारतीय मिशन लगातार भारतीय छात्रों
और नागरिकों के संपर्क में हैं और वायरस संक्रमण के मद्देनजर सभी लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिशानिर्देशों का
अनुसरण करने की सलाह दी जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि भारतीयों में वायरस संक्रमण की जांच के लिए
चिकित्सा दल दोनों देशों में पहुंच चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण को
महामारी घोषित किया था। इस वायरस के संक्रमण ने दुनियाभर के करीब 120 देशों और भूखंडों के करीब
1,33,970 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है जबकि पांच हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।