कमल गुप्ता
चंडीगढ़। अंडा उत्पादक राज्यों में हरियाणा सबसे अग्रणी प्रांत है। लेकिन कोरोना के चलते
हरियाणा का अंडा बाहर नहीं जा रहा है। इसके चलते लाखों की संख्या में ट्रे ब्लाक हो चुकी हैं। प्रदेश के जिला
पंचकूला, अंबाला, कुरूक्षेत्र, यमुनानगर, कैथल, सिरसा समेत कई जिले ऐसे हैं जहां पोल्ट्री फार्मिंग का कारोबार
होता है। कोरोना वायरस के असर से पोल्ट्री उद्योग बुरी तरह से चरमरा गया है।
चिकन की बिक्री में 80 प्रतिशत तक की कमी आई है। अंडे की कीमत में भारी गिरावट आई है। पिछले बीस दिन
के दौरान हरियाणा में पोल्ट्री उद्योग को करीब तीन हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। यहां से विदेशों में भी अंडा
व चिकन सप्लाई होता है। हरियाणा पोल्ट्री एसोसिएशन के प्रधान दर्शन सिंगला का कहना है कि बरवाला व
रायपुररानी क्षेत्र से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, कोलकाता, बिहार, दिल्ली, असम और उत्तर-प्रदेश सहित कई राज्यों
को अंडा और मुर्गी सप्लाई की जाती है।
करीब 20 दिन से बरवाला रायपुररानी क्षेत्र के पोल्ट्री उद्योग को अब तक करीब तीन हजार करोड़ रुपए का
नुकसान हो चुका है। उन्होंने बताया कि पहले मुर्गी का रेट 50 रुपए किलो था, जो अब घटकर 4 रुपए किलो रह
गया है। अंडे का रेट 4 रुपए 80 पैसे से घटकर 2 रुपए 30 पैसे रह गया है। लोग चिकन खाने से भी परहेज कर
रहें हैं। कोरोना वायरस के चलते चिकन की बिक्री में 80 प्रतिशत की कमी आई है। पोल्ट्री फार्म संचालकों को
मुर्गियों की खुराक जैसे मक्की, बाजरा व अन्य की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। उनके अनुसार पोल्ट्री उद्योग
बंद करने की नौबत आ गई है। अगर यही हालात रहे तो अगले सप्ताह तक यहां रखे अंडों का स्टॉक खराब हो
सकता है।