नई दिल्ली, 25 मई। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि लोकायुक्त रेवा खेत्रपाल के समक्ष पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा के द्वारा शपथ लेकर मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा अपने सहयोगी मंत्री सत्येंद्र जैन से दो करोड़ रुपये नकद लिये जाने के बयान के बाद मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बचा है। भाजपा मांग करती है कि यदि केजरीवाल को लोकायुक्त संस्था के प्रति कोई भी सम्मान है तो वह इस शपथ पर दिये साक्ष्य के बाद आगे की जांच निष्पक्ष हो सके इसलिये मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें। भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली की लोकायुक्त रेवा खेत्रपाल के समक्ष दायर एक याचिका में साक्ष्य देने आये दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने शपथ लेकर लोकायुक्त को बताया कि मेरी आंख के सामने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने सहयोगी मंत्री सत्येंद्र जैन से दो करोड़ रूपये नकद लिये। कपिल मिश्रा ने लोकायुक्त के समक्ष भी और पत्रकारों के समक्ष बाहर आकर कहा कि जब मैंने अरविन्द केजरीवाल से पूछा यह कैसा रुपया है तो उन्होंने कहा कि इस तरह के लेन-देन तो राजनीति में चलते ही रहते हैं, बाद में बात करेंगे। उन्होंने कहा कि कपिल मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री के रिश्तेदार सुरेन्द्र बंसल की कम्पनी ने पी.डब्ल्यू.डी. में 10 करोड़ रूपये के फर्जी बिल दिये जिनका भुगतान भी किया गया है और अब ए.सी.बी. में एफ.आई.आर. भी दर्ज है। कपिल मिश्रा ने मूल शिकायत से अलग लोकायुक्त के समक्ष कहा कि अपने सरकारी एवं निजी दौरों में आम आदमी पार्टी से जुड़े 5 नेताओं संजय सिंह, आशीष खेतान, सतेन्द्र जैन, राघव चड्ढा एवं दुर्गेश पाठक ने विदेश जाकर भारत विरोधी तत्वों से मुलाकात की। कपिल मिश्रा ने लोकायुक्त के समक्ष मुख्यमंत्री पर दिल्ली जल बोर्ड में 400 करोड़ रूपये के टैंकर घोटाले का भी आरोप लगाया।