नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भले ही मेट्रो का किराया बढ़ाने का विरोध कर रहे हों, मगर केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय किराए में इजाफे की तैयारी कर रहा है।
इसके लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने सीएम केजरीवाल को एक ऑफर दिया है। मुख्यमंत्री से कहा गया है कि अगर वह किराया बढ़ोतरी को रोकना चाहते हैं, तो दिल्ली सरकार को मेट्रो परिचालन पर आने वाले 3000 करोड़ रुपये के घाटे की भरपाई करनी होगी।
मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर अवगत कराया गया है कि दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ाने के फैसले को रोका नहीं जा सकता। मेट्रो एक्ट इसकी इजाजत नहीं देता है। अगर मुख्यमंत्री किराया बढ़ोतरी को रोकना चाहते हैं तो दिल्ली सरकार को मेट्रो परिचालन में हर वर्ष होने वाली 3000 करोड़ रुपये के घाटे की भरपाई करनी होगी।
अगर इसके बाद भी केजरीवाल किराया वृद्धि को रोकना चाहते हैं, तो नई किराया निर्धारण समिति का गठन किया जा सकता है, बशर्ते सरकार डीएमआरसी को मेट्रो परिचालन में हर वर्ष होने वाले घाटे की भरपाई कर दे।
मालूम हो कि दिल्ली मेट्रो का किराया चरणबद्ध तरीके से बढ़ाने के लिए गत वर्ष सितंबर में ही मेट्रो किराया निर्धारण समिति का गठन किया गया था। समिति की कई बैठकों के बाद गत मई महीने में दो चरणों में मेट्रो का किराया बढ़ाने का फैसला लिया गया था।
पहले चरण के तहत गत 10 मई से मेट्रो किराये में बढ़ोतरी कर दी गई। दूसरे चरण के तहत आगामी 10 अक्टूबर से किराये में बढ़ोतरी होनी है।
इस पूर्व निर्धारित प्रस्तावित बढ़ोतरी के खिलाफ गत दिनों से दिल्ली सरकार विरोध कर रही है। जबकि मेट्रो का कहना है कि किराया तय करने वाली समिति में शामिल दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने कभी इसका विरोध नहीं किया।