नई दिल्ली। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अंतरस्नातक (यूजी) और स्नात्कोत्तर (पीजी)
पाठ्यक्रमों के लिए साझा प्रवेश परीक्षा (सीईटी) ‘नेशनल टेस्टिंग एजेंसी’ (एनटीए) के जरिए 2022-2023
अकादमिक सत्र से संचालित की जा सकती है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने यह जानकारी दी।
यूजीसी ने यह भी बताया कि पीएचडी कार्यक्रम में दाखिले के लिए, जहां कहीं व्यवहार्य होगा, ‘नेट’ के स्कोर का
उपयोग किया जाएगा।
आयोग ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिख कर कहा है, ‘‘इसके मुताबिक, सभी केंद्रीय
विश्वविद्यालयों को साझा प्रवेश परीक्षा के लिए 2022-2023 अकादमिक सत्र से उपयुक्त उपाय करने की सलाह
दी गई है। ये परीक्षाएं कम से कम 13 भाषाओं में ली जाएंगी जिनमें एनटीए पहले से जेईई और नीट परीक्षाएं
संचालित कर रहा है। ’’
आयोग ने कहा, ‘‘साझा प्रवेश परीक्षा को इच्छुक राज्य/ निजी विश्वविद्यालय/डीम्ड विश्वविद्यालय द्वारा भी
स्वीकार किया जा सकता है। ’’
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति,2020 ने एनटीए के जरिए सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक सीईटी का
प्रस्ताव किया है।
विषय पर गौर करने और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए प्रवेश परीक्षा के तौर तरीकों का सुझाव देने के लिए एक
समिति गठित की गई थी।
आयोग ने कहा, ‘‘समिति ने सीईटी संचालित करने के लिए तौर तरीकों के ब्योरे के बारे में कई दौर की चर्चा की।
इसके बाद, समिति की सिफारिशों पर चर्चा करने के लिए सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ एक
बैठक की गई।’’
उल्लेखनीय है कि शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा की थी कि विश्वविद्यालयों में दाखिला 2021 अकादमिक सत्र से
सीईटी के आधार पर होगा लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते ऐसा नहीं हो सका।