नई दिल्ली। विभिन्न हाईकोर्ट में जजों के खाली पड़े पदों के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कालेजियम की सिफारिशों पर जल्दी कार्रवाई करने के किसी भी तरह का निर्देश केंद्र सरकार को जारी करने से इनकार कर दिया है। सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि केंद्र सरकार कालेजियम द्वारा हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति की सिफारिश वाली फाइलों को दबा कर बैठी है। तब चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि ऐसा नहीं है। केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट जजों की नियुक्ति संबंधी फाइलों का तेजी से निपटारा किया है। चीफ जस्टिस ने कहा कि केंद्र के पास 70-80 प्रस्ताव कालेजियम ने भेजे थे। जिसमें से केंद्र के पास केवल 27 प्रस्ताव ही लंबित हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि यह हम हैं जो जजों की नियुक्ति संबंधी प्रस्ताव को पास नहीं कर पा रहे हैं। चीफ जस्टिस होने के नाते मैं आपको बता रहा हूं कि जजों की नियुक्ति पहले की तुलना में काफी तेजी से हो रही है। प्रशांत भूषण ने कहा कि मेरे चार्ट के अनुसार 9 सिफारिशें ऐसी हैं जो सरकार मंजूर ही नहीं कर रही है। उसके बाद चीफ जस्टिस ने मामले की सुनवाई 6 सप्ताह के लिए टालने का आदेश दिया। हाईकोर्ट में जजों के खाली पड़े पदों को लेकर सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन नामक एनजीओ ने प्रशांत भूषण के जरिए एक याचिका दायर की है।