नई दिल्ली। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश
के फैकल्टी सदस्यों और निजी कंपनियों के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। ये मामले संस्थान परिसर
में एक केमिस्ट की दुकान स्थापित करने में कथित भ्रष्टाचार और अन्य कदाचार के आरोप में दर्ज किए गए हैं।
अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली में
24 विभिन्न स्थानों पर छापे मारे।
एजेंसी ने संस्थान के तत्कालीन अतिरिक्त प्रोफेसर बलराम जी उमर, तत्कालीन प्रोफेसर बृजेंद्र सिंह, तत्कालीन
प्रोफेसर अनुभा अग्रवाल, प्रशासनिक अधिकारी शशि कांत, लेखा अधिकारी दीपक जोशी और दिल्ली स्थित प्रो-मेडिक
डिवाइस कंपनी के मालिक पुनीत शर्मा को नामजद किया है।
दूसरे मामले में सीबीआई ने त्रिवेणी सेवा फार्मेसी कंपनी के साझीदार पंकज शर्मा और शुभम शर्मा तथा फर्म के
खिलाफ मामला दर्ज किया है।
यह आरोप है कि अधिकारियों ने निविदा प्रक्रिया के सरकारी मानदंडों का उल्लंघन किया और उन छोटी कंपनियों
को मंजूरी दी जिन्होंने अपने निविदा दस्तावेजों में तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया था।
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी ने कहा कि यह भी आरोप लगाया गया है कि आरोपी ने इन निविदाओं में ‘कार्टेल’
गठन के अस्तित्व को जानबूझकर नजरअंदाज किया और अपराध से जुड़े महत्वपूर्ण सबूतों को गायब कर दिया।
उन्होंने कहा कि सड़क की सफाई करने वाली मशीन की खरीद में करीब 2.41 करोड़ रुपये का कथित नुकसान हुआ
वहीं संस्थान में केमिस्ट की दुकान स्थापित करने में करीब दो करोड़ रुपये का कथित नुकसान हुआ।