पंचकूला/नई दिल्ली। एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व मोती लाल वोरा गुरुवार को पेश हुए। पिछली सुनवाई में हुड्डा और वोरा दोनों को कोर्ट द्वारा गुरुवार को (आज) पेश होने के लिए समन भेजा गया था। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तत्कालीन समय में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन थे। आरोपित मोती लाल वोरा एजेएल हाउस के चेयरमैन थे। प्लॉट आवंटन मामले में पंचकूला विशेष सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट की स्क्रूटनी पूरी हो चुकी है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और मोती लाल वोरा के खिलाफ एक दिसम्बर को चार्जशीट दाखिल की गई थी। उल्लेखनीय है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने सीएम रहते हुए नेशनल हेराल्ड की सब्सिडी एसोसिएट्स जनरल लिमिटेड (एजेएल) कंपनी को 2005 में 1982 की दरों पर प्लॉट अलॉट करवाया था।
यह है पूरा मामला : 24 अगस्त 1982 को पंचकूला सेक्टर-6 में 3360 वर्गमीटर का प्लॉट नंबर सी-17 तब के सीएम चौधरी भजनलाल ने अलॉट कराया था। कंपनी को इस पर छह माह में निर्माण शुरू करके दो साल में काम पूरा करना था। लेकिन, कंपनी 10 साल में भी ऐसा नहीं कर पाई। 30 अक्टूबर 1992 को हुडा ने अलॉटमेंट कैंसिल करके प्लॉट को रिज्यूम कर लिया था। 26 जुलाई 1995 को मुख्य प्रशासक हुडा ने एस्टेट ऑफिसर के आदेश के खिलाफ कंपनी की अपील खारिज कर दी। 14 मार्च 1998 को कंपनी की ओर से आबिद हुसैन ने चेयरमैन हुडा को प्लॉट का अलॉटमेंट बहाली के लिए अपील की। 14 मई 2005 को चेयरमैन हुडा ने अफसरों को एजेएल कंपनी के प्लॉट अलॉटमेंट की बहाली की संभावनाएं तलाशने को कहा था। लेकिन, कानून विभाग ने अलॉटमेंट बहाली के लिए साफ तौर पर इनकार कर दिया। 18 अगस्त 1995 को फ्रेश अलॉटमेंट के लिए आवेदन मांगे गए। इसमें एजेएल कंपनी को भी आवेदन करने की छूट दी गई। 28 अगस्त 2005 को हुड्डा ने एजेएल को ही 1982 की मूल दर पर प्लॉट अलॉट करने की फाइल पर साइन कर दिए। साथ ही कंपनी को छह माह में निर्माण शुरू करके एक साल में काम पूरा करने को भी कहा गया। एसोसिएटड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) के अखबार नेशनल हेराल्ड के लिए पंचकूला में नियमों के खिलाफ जमीन आवंटन का आरोप है। इस मामले में सतर्कता विभाग ने मई 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर केस दर्ज किया गया था। यह मामला हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) की शिकायत पर दर्ज हुआ है। चूंकि हुडा के पदेन अध्यक्ष मुख्यमंत्री होते हैं। यह गड़बड़ी मुख्यमंत्री हुड्डा के कार्यकाल में हुई, इसलिए उनके खिलाफ यह मामला दर्ज हुआ है। इस सौदे से हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (हुडा) को करीब 62 लाख रुपये का नुकसान पहुंचाए जाने का आरोप है।