एचआरडी के ‘ध्रुव’ कार्यक्रम के तहत छात्रों का प्रशिक्षण शुरू, फिल्म निर्माता सुभाष घई ने किया संवाद

asiakhabar.com | October 15, 2019 | 4:51 pm IST
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नई दिल्ली। छात्रों के रचनात्मक विकास के लिये मानव संसाधन विकास मंत्रालय
के ‘ध्रुव’ कार्यक्रम के तहत ललित कला संकाय प्रशिक्षण के लिये चुने गए 30 छात्रों के साथ जाने माने
फिल्म निर्माता सुभाष घई ने संवाद किया एवं अपने अनुभव साझा करते हुए भारतीय बने रहने तथा
मूल्यों से जुड़े रहने की अपील की। निर्माता निर्देशक और मीडिया एवं इंटरटेनमेंट स्किल काउंसिल के
अध्यक्ष घई ने कहा कि ऐसा लग रहा है मानो वह पूरे भारत के सुपर 30 से मिल रहे हैं। उन्होंने बताया
कि बच्चों के साथ संवाद के दौरान उन्होंने जीवन में मिली सीख और आज भी सीखने का सिलसिला
जारी रहने के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा एक ही आग्रह है कि बच्चे हमेशा भारतीय बने रहें

और मूल्यों से जुड़े रहें।’’ ‘‘ध्रुव’’ की सराहना करते हुए घई ने कहा कि इस तरह का कार्यक्रम व्यक्ति
निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम है और राष्ट्रीय चरित्र निर्माण के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। गौरतलब है
कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हाल ही में ध्रुव कार्यक्रम शुरू किया है। मंत्रालय का कहना है कि
यह कार्यक्रम देश में प्रतिभाशाली छात्रों की तलाश के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा और उन्हें
विज्ञान, ललित कला और रचनात्मक लेखन जैसे उनकी रुचि के विषयों में उत्कृष्टता हासिल करने में
मददगार होगा। इसके जरिये प्रतिभाशाली छात्र न केवल अपनी पूरी क्षमता का भरपूर इस्तेमाल कर
सकेंगे, बल्कि समाज के लिए भी योगदान कर पाएंगे। ध्रुव कार्यक्रम के पहले बैच में सरकारी और निजी
स्कूलों के नौवीं से बारहवीं कक्षा के 60 प्रतिभावान छात्रों का चयन किया गया है। इनमें से 30 छात्रों को
ललित कला और बाकी 30 को विज्ञान के क्षेत्र में विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।प्रशिक्षण के दौरान इन
छात्रों को आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण प्रदूषण जैसे विषयों पर प्रोजेक्ट तैयार करने के
लिए कहा जाएगा। 14 से 23 अक्टूबर तक ये छात्र आईआईटी दिल्ली और राष्ट्रीय बाल भवन में
विभिन्न गतिविधियों में शामिल होंगे। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि 23 अक्टूबर को
आयोजित होने वाले समापन समारोह में ये छात्र अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट पेश करेंगे। इसके बाद कार्यक्रम के
दूसरे चरण के तहत इन बच्चों को बेंगलुरु और नई दिल्ली में सांस्कृतिक और वैज्ञानिक महत्व वाले
स्थान दिखाने ले जाया जाएगा।


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